
*पंचायत भवन की उपयोगिता पर भी खड़े होने लगे सवाल*
*बोले ग्रामीण-जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की अनदेखी से सरकार की मंशा पर फिर रहा पानी*
*कुंभकर्णीय नींद में सोये जिम्मेदारों से ग्रामीणों ने की पंचायत भवन दुरुस्त कराये जाने की मांग*
लालगंज(रायबरेली)!पंचायतीराज व्यवस्था का सपना साकार करने के लिए ग्राम पंचायतों को तमाम अधिकार देने के साथ ही योजनाओं पर अमल के लिए पंचायत की बैठक करने हेतु लाखों रुपये खर्च कर पंचायत भवन अथवा सामुदायिक भवनों का निर्माण कराया गया है!लेकिन रखरखाव के अभाव में तमाम गांवों में बने पंचायत भवन बदहाल हो गए हैं!अब तो इन भवनों की उपयोगिता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं!एक ऐसा ही पंचायत भवन प्रकाश में आया है जो कि अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है और जिम्मेदार हैं कि इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे!जानकारी के मुताबिक लालगंज विकास खंड़ के अंतर्गत स्थित उतरागौरी में बना पंचायत भवन पूरी तरह से बदहाल हो चुका है और उसका अधिकांशतः हिस्सा जमींदोज हो गया है और शेष बचा हिस्सा जर्जर है,बावजूद जिम्मेदार कुंभकर्णीय नींद में सोये हुए हैं!ग्रामीण सिद्धार्थ सिंह भदौरिया,राजन सिंह गौतम,मोहित सिंह,सत्यम सिंह आदि का कहना है कि ग्राम सभा उतरागौरी में बना पंंचायत भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है,कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत भी की गई है बावजूद स्थिति ज्यों का त्यों बनी हुई है और जिम्मेदार अधिकारी हैं कि सिर्फ और सिर्फ तमाशाई की भूमिका अदा कर रहे हैं!लालगंज विकास खंड के ग्राम पंचायत उतरागौरी में बना पंचायत भवन जर्जर हो गया है!भवन में लगे खिड़की,दरवाजे,शौचालय जर्जर होकर टूट गए हैं!जिम्मेदारों ने भवनों के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया!पंचायत भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी ग्राम पंचायत की बैठक या अन्य कोई सार्वजनिक कार्यक्रम पंचायत भवन में नहीं हुए!ग्राम पंचायत अधिकारी भी कभी इस भवन पर नहीं पहुंचे!ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की अनदेखी से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है!ग्रामीणों के अनुसार पंचायत भवनों पर ग्राम पंचायत अधिकारी भी जर्जर होने की वजह से नहीं बैठते हैं,जिस कारण हमें हर कार्य के लिए ब्लाक पर जाना पड़ता है!वहीं ग्रामीणों ने जिम्मेदार अधिकारियों से पंचायत भवन दुरुस्त कराये जाने की मांग की है!
*”वहीं खंड़ विकास अधिकारी लालगंज ने बताया कि उक्त पंचायत भवन किसी की भूमिधरी जमीन पर बना है,फिलहाल सेकेट्री व ग्राम प्रधान को उक्त व्यक्ति को स्वेच्छापूर्वक सहमत कर जमीन को देने या फिर दान करने के लिए रजामंद कर जमीन को ग्राम पंचायत में लेने के लिए कहा गया है!पंंचायत भवन के लिए हम सब प्रयासरत हैं!”*
*सपना अवस्थी,खंड विकास अधिकारी (लालगंज-रायबरेली)*