
भविष्य की राजनीति साधने के लिए मेरे खिलाफ साजिश रच रहे विरोधी : सरिता दीपेन्द्र गुप्ता
ईओ और दोसर वैश्य समाज के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई वार्ता, प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल को दिया कब्जा साबित करने का 10दिन का अंतिम अवसर
लालगंज/रायबरेली/ नगर पंचायत अध्यक्ष सरिता दीपेन्द्र गुप्ता ने अपने घर पर हुए प्रदर्शन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आरोप लगाया कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराये लोग नगर पंचायत की विकास परियोजनाओं को प्रभावित करने की साजिश रच रहे हैं। चेयरमैन सरिता दीपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आश्चर्य है धारा 163 लगी होने के बाद भी एक साथ कैसे इतने लोग इकट्ठे होकर किसी के घर के आगे रास्ते को जाम किए रहे और नियम कानून को धता बता कुछ लोगों के एक समूह द्वारा मेरे घर के सामने आकर धरना प्रदर्शन किया गया। मेरे विरुद्ध घटिया तथा अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करते हुए तथ्यहीन नारेबाजी की गयी और प्रशासनिक व्यवस्था को भी चुनौती दी गई इससे मुझे बहुत तकलीफ हुई है। उन्होंने कहा कि निजी राजनैतिक स्वार्थ सिद्ध के लिए समाज में विभाजन का कुचक्र रचते हुये, मुझे निशाना बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित दो तालाबों का सौन्दर्यीकरण कराने के लिए शासन से प्रस्ताव स्वीकृत किया गया था।वार्ड 15 में स्थित सेठ शिवदुलारे शाह शिवमंदिर तालाब का सौन्दर्यीकरण कार्य समय पर पूरा कराया गया। तब कोई विवाद नहीं हुआ। वार्ड 12 स्थित काशी तालाब के सौन्दर्यीकरण के प्रथम चरण में, लगभग एक साल पहले साफ सफाई कार्य करवाया गया। तब भी कोई विवाद नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि काशी तालाब राजस्व अभिलेखों में राजा शिवगढ़ के नाम दर्ज है,जिन्होंने नगर पंचायत को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया है।चेयरमैन ने कहा कि सौन्दर्यीकरण परियोजना में हो रहे विलम्ब को लेकर तमाम लोगों ने नाराजगी जताई थी। अखबारों में नगर पंचायत के खिलाफ खबरें प्रकाशित हुयीं। ऐसे में नगर पंचायत प्रशासन पर परियोजना जल्द पूरा कराने का दबाव बढ़ गया तो सम्बंधित ठेकेदार ने कार्य प्रारम्भ करवाया। जर्जर बाउंड्रीवाल को गिराया गया। लेकिन काशी धर्मशाला को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। कुछ लोग झूठा दुष्प्रचार करके ओछी राजनीति कर रहे हैं। तालाब की गिरायी गयी बाउंड्रीवाल के स्थान पर नयी आकर्षक बाउंड्रीवाल बनाकर शासन की मंशानुसार सौन्दर्यीकरण किया जाना है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज या समूह को अपनी आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार है। किंतु उसके लिए एक विधिक तथा सामाजिक तरीका होता है। जिम्मेदार पद पर बैठी अपनी बहू बेटी के खिलाफ घटिया नारेबाजी और गाली गलौज कोई भी सभ्य समाज सोच भी नहीं सकता। मेरे खिलाफ घटिया शब्दावली का प्रयोग किया गया। मैं अथवा मेरे पति हर समय लोगों के बीच ही रहते हैं। हम हमेशा सकारात्मक मेलजोल और वार्ता के पक्ष में रहे हैं।आगे भी रहेंगे।उन्होंने कहा कि जो लोग काशी तालाब का सौन्दर्यीकरण रोकना चाहते हैं, वे अपने वैध तथ्य तथा तर्क के साथ नगर पंचायत प्रशासन के सामने आयें। बलपूर्वक गतिरोध,घटिया नारेबाजी या प्रदर्शन कतई स्वीकार नहीं किया जायेगा।उन्होंने कहा कि मैं भी वैश्य समाज की बेटी हूं।समाज से भावनात्मक लगाव स्वाभाविक है। निजी स्वार्थसिद्धि के लिए वैश्य समाज को बांटने का प्रयास करने वाले मर्यादा में रहें,यही अच्छा होगा। मुझे सर्वसमाज का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है तभी पद पर हूं। निर्वाचित अध्यक्ष के तौर पर सबके कल्याण के लिए काम करती हूं।सरिता दीपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि जिन्हें राजनीति करनी हैं उन्हें मेरी विनम्र सलाह है-अभी चुनाव दूर है,छोटे मन से बड़े लक्ष्य हासिल नहीं होते। कृपया समाज को बांटने की कोशिश ना करिये।
इस बीच आज नगर पंचायत कार्यालय में ईओ और दोसर वैश्य समाज के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई वार्ता में प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल को कब्जा साबित करने का 10दिन का अंतिम अवसर दिया कि अगर वह कागज दिखाते हैं तो शासन द्वारा सौंदर्यीकरण के लिए दी गई धनराशि वापस कर दी जाएगी।