
संचारी रोग नियंत्रण अभियान केवल कागजों तक सीमित, मोहनलालगंज ब्लॉक की बदहाल सफाई व्यवस्था उजागर………
मोहनलालगंज।लखनऊ,स्वच्छ भारत मिशन और विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर सरकार और प्रशासन के दावे चाहे जितने भी बुलंद हों, ज़मीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। मोहनलालगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। अभियान की हकीकत जानने पर सामने आया कि अधिकांश गांवों में महीनों से सफाई नहीं हुई है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं, नालियां बजबजा रही हैं और सामुदायिक शौचालय झाड़ियों में तब्दील हो गए हैं।स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सफाईकर्मी या तो आते ही नहीं हैं, और अगर आते भी हैं तो महज एक-दो घंटे में खानापूर्ति कर चले जाते हैं। जिससे गांवों की गली-मोहल्लों में कूड़ा और गंदगी का अंबार लगा रहता है। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी महज कागजों पर चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग और पंचायत विभाग के अधिकारी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।कुछ दिन पहले ग्रामीणों द्वारा गांव में सफाईकर्मी के न आने की शिकायत पंचायत विभाग में की गई थी, लेकिन संबंधित एडीओ पंचायत ने मात्र रिपोर्ट लगाकर मामला रफा-दफा कर दिया। शिकायतों को गंभीरता से न लेने के कारण अब सफाई कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं। न तो कोई नियमित निरीक्षण हो रहा है और न ही कोई कार्यवाही।गांवों की मौजूदा स्थिति यह है कि जगह-जगह कूड़े के ढेर, मच्छरों का प्रकोप, दूषित पानी और खुले में शौच की स्थिति से संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों को डेंगू, मलेरिया और दस्त जैसी बीमारियों की चिंता सताने लगी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं।स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान को गंभीरता से लिया जाए, नियमित सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो, और लापरवाह सफाईकर्मियों व अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।अगर प्रशासन नहीं जागा, तो संचारी रोगों का प्रकोप फैलना तय है। अब देखना यह होगा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस गंभीर स्थिति को कब तक नजरअंदाज करते हैं।