
मोहनलालगंज तहसील में धरना देकर उठाई न्याय की मांग*लखनऊ। जनपद हापुड़ में जिला अधिकारी के कथित दमनात्मक व्यवहार एवं उत्पीड़नात्मक कार्रवाई से तनावग्रस्त होकर एक लेखपाल की मौत के मामले ने पूरे प्रदेश के राजस्व कर्मियों में आक्रोश की लहर फैला दी है। इसी क्रम में सोमवार को उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ, उपशाखा मोहनलालगंज द्वारा मोहनलालगंज तहसील में धरना प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा गया।धरने की अगुवाई करते हुए लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष अमरीश कुमार एवं महामंत्री विशाल कुमार सिंह ने कहा कि जनपद हापुड़ में लेखपाल सुभाष मीणा की हृदयविदारक मृत्यु, वहां के जिला अधिकारी के अमानवीय व्यवहार और मानसिक दबाव की वजह से हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी उचित जांच के झूठी शिकायत के आधार पर लेखपाल पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की गई, जिससे मानसिक तनाव में आकर उन्होंने असमय दम तोड़ दिया।लेखपाल संघ ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि प्रशासनिक अमानवीयता का ज्वलंत उदाहरण भी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुछ अधिकारी सार्वजनिक मंचों जैसे थाना समाधान दिवस, ग्राम चौपाल, तहसील दिवस आदि पर अधीनस्थ कर्मियों को अपमानित करने और दंडित करने की प्रवृत्ति अपना रहे हैं। इस प्रकार की कार्यशैली से कर्मचारी मानसिक तनाव में आकर कार्य कर रहे हैं, जिससे न केवल उनका स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।लेखपाल संघ ने अपनी मांगों में निम्नलिखित बिंदुओं को प्रमुखता से उठाया—दिवंगत लेखपाल सुभाष मीणा के आश्रितों को आर्थिक सहायता दी जाए।मृतक आश्रित को योग्यता के अनुसार सरकारी सेवा में तत्काल नियुक्त किया जाए।घटना की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाए।समस्त अधिकारियों को अधीनस्थों के साथ मानवीय एवं सम्मानजनक व्यवहार करने हेतु निर्देशित किया जाए।मुख्य सचिव द्वारा पूर्व में जारी शासनादेश जिसमें प्रत्येक माह अधिकारी व कर्मचारी संगठनों के बीच बैठक कर समस्याओं के समाधान की व्यवस्था है, उसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। संघ पदाधिकारियों ने चेताया कि यदि जल्द ही इस मामले में न्यायोचित कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशभर के लेखपाल आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल एक कर्मचारी की मौत नहीं है, बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता की एक भयावह मिसाल है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।धरना कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लेखपाल मौजूद रहे और अपने साथी की मौत पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। अंत में उपजिलाधिकारी मोहनलालगंज ने लेखपाल संघ के प्रतिनिधियों से ज्ञापन प्राप्त कर उसे तत्काल शासन को प्रेषित करने का आश्वासन दिया।