
पीजीआई, लखनऊ।त्योहार की मिठास को कड़वाहट में बदल देने वाला मामला राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र से सामने आया है। उतरतिया स्थित गणपति स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट में करवाचौथ के दिन अधिवक्ता को सड़ी हुई रबड़ी परोस दी गई। शिकायत और सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बावजूद न तो पुलिस हिली और न ही खाद्य विभाग की नींद टूटी। प्रशासन की ये चुप्पी अब लोगों के गले उतर नहीं रही है।जानकारी के अनुसार, कल्ली पश्चिम पीजीआई निवासी अधिवक्ता श्यामू वर्मा पुत्र भगवती प्रसाद वर्मा करवाचौथ के अवसर पर अपने परिवार के लिए गणपति स्वीट्स से रबड़ी और बालूशाही खरीदकर घर लाए थे। परिवार ने जैसे ही रबड़ी खाई, तेज़ दुर्गंध और खराब स्वाद आने लगा। अधिवक्ता ने जब इस बारे में दुकान मालिक से शिकायत की, तो उसने न केवल बात को टालने की कोशिश की बल्कि अभद्रता पर उतर आया।इसके बाद अधिवक्ता ने पूरे मामले की शिकायत पीजीआई थाना पुलिस और खाद्य विभाग में दी। मगर चौंकाने वाली बात यह है कि कई दिन बीत जाने के बाद भी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने मौके पर जाकर जांच तक नहीं की। इससे नाराज़ अधिवक्ता ने मामला सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया।पोस्ट पर सैकड़ों लोगों ने गणपति स्वीट्स की कड़ी आलोचना करते हुए रेस्टोरेंट का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। कई लोगों ने कहा कि त्योहारों पर इस तरह की लापरवाही खुलेआम स्वास्थ्य से खिलवाड़ है। कुछ ने यहां तक कहा कि अगर ऐसे दुकानदारों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो ये मीठी मौत परोसते रहेंगे। ग्राहकों का कहना है कि त्योहारों पर नकली और सड़ी मिठाइयों की बिक्री आम हो चुकी है, लेकिन जिम्मेदार विभाग आंख मूंदे बैठे हैं। प्रशासन की ये लापरवाही मिलावटखोरों को खुला लाइसेंस दे रही है।जनता अब मांग कर रही है कि गणपति स्वीट्स पर तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी दुकानदार त्योहार की पवित्रता और जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत न जुटा सके।यह सिर्फ एक मिठाई नहीं, लोगों के स्वास्थ्य और भरोसे से खिलवाड़ है। अगर इस बार भी कार्रवाई नहीं हुई तो ये लापरवाह दुकानदार त्योहारों की मिठास को जहर में बदलते रहेंगे।