लखनऊ। राजा हो या रंक हर फरियादी को समान न्याय दिलाने का संकल्प जिस अधिकारी ने अपने कर्म से सिद्ध किया, वह हैं एसीपी रजनीश वर्मा। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने न केवल कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास की ऐसी डोर बुन दी, जो लंबे समय तक कायम रहेगी।शनिवार को निगोहां थाने पर आयोजित विदाई समारोह के दौरान जब एसीपी रजनीश वर्मा की विदाई की घोषणा हुई तो पूरा माहौल भावुक हो उठा। पुलिसकर्मियों से लेकर आम नागरिकों तक हर किसी की आंखें नम थीं। हर चेहरे पर एक ही सवाल था अब कौन हमारी बात इतनी ईमानदारी और तत्परता से सुनेगा।अपने कार्यकाल में एसीपी वर्मा ने यह साबित किया कि पुलिस की वर्दी केवल कानून लागू करने का प्रतीक नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम भी है। उनके कार्यालय में पहुंचने वाला हर फरियादी इस विश्वास के साथ लौटता था कि अब न्याय जरूर मिलेगा।एसीपी रजनीश वर्मा ने महिला एवं बालिका सुरक्षा को लेकर उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने गांव-गांव जाकर “मिशन शक्ति” के तहत जागरूकता अभियान चलाया, जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ी। रात-दिन मेहनत करके उन्होंने यह संदेश दिया कि “सुरक्षित समाज की नींव, संवेदनशील पुलिस से ही बनती है।साइबर अपराध और ऑनलाइन ठगी के मामलों में भी एसीपी वर्मा ने अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया। क्षेत्र में मासूम यश की ऑनलाइन गेमिंग से हुई मौत के मामले में उन्होंने जिस दृढ़ता और संवेदनशीलता के साथ जांच कर दोषियों को जेल की सलाखों तक पहुंचाया, वह पुलिस सेवा के इतिहास में मिसाल बन गया।एसीपी रजनीश वर्मा का कहना है। मुझे तभी सुकून मिलता है जब किसी पीड़ित को न्याय मिल जाता है। पुलिस और जनता के बीच भरोसे का रिश्ता ही कानून व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत है।यही सोच उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग बनाती है।शनिवार को निगोहां थाने पर आयोजित विदाई समारोह में पुलिसकर्मी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और पत्रकार बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
प्रेस क्लब ने एसीपी रजनीश वर्मा को किया सम्मानित…
इस अवसर पर प्रेस क्लब अध्यक्ष विमल सिंह, महामंत्री प्रदीप द्विवेदी, उपाध्यक्ष मोइन खान, कोषाध्यक्ष प्रशांत त्रिवेदी सहित अन्य पदाधिकारियों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।पत्रकारों ने कहा कि एसीपी वर्मा ने हमेशा मीडिया को सम्मान दिया और पारदर्शिता बनाए रखी। विदाई के क्षणों में कई पत्रकारों और पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गईं।
क्षेत्र में आज भी लोगों के बीच यह चर्चा है कि “ऐसे अधिकारी दुर्लभ होते हैं, जिन्होंने वर्दी को वाकई जनता का रक्षक बनाया।न्याय, निष्पक्षता और जनसेवा को मूल मंत्र मानने वाले एसीपी रजनीश वर्मा ने अपनी कार्यशैली से पुलिस विभाग की छवि को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
