मोहनलालगंज, लखनऊ।मोहनलालगंज तहसील परिसर में शनिवार को आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी के आने की सूचना पर विभिन्न विभागों की समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे। राजस्व, आवास, मार्ग विवाद, खसरा-खतौनी और विभागीय मामलों से जूझ रहे लोग सुबह से ही अपनी बारी का इंतजार करते रहे, लेकिन जिलाधिकारी के न पहुंचने से फरियादियों में निराशा फैल गई। कई लोग मायूस होकर वापस लौट गए, जबकि कुछ ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को आवेदन सौंपकर समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई।समाधान दिवस में आए फरियादियों की शिकायतें सुनने के लिए अपर जिलाधिकारी कमलेश गोयल, डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल, एसडीएम पवन पटेल और एसीपी विकास कुमार पांडे मौजूद रहे। विभिन्न विभागों के अधिकारी भी अपनी-अपनी टेबल पर मौजूद थे और शिकायतों के निस्तारण की कार्रवाई में जुटे दिखाई दिए।वही मोहनलालगंज के शीतल खेड़ा मऊ निवासी छोटेलाल ने समाधान दिवस में पहुंचकर बताया कि उनकी पुश्तैनी भूमि पर लगे धान के पैरा में शनिवार सुबह करीब आठ बजे आग लगा दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि राजा खेड़ा मऊ निवासी सुरेंद्र कुमार पुत्र हारीराम ने पैरा में आग लगाई, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ। छोटेलाल के अनुसार, जब वह मौके पर पहुंचे तो आरोपी वहां से फरार हो गया। घटना की सूचना अधिकारियों को देकर उन्होंने कार्रवाई की मांग की।
अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर भूमिहीन महिला…..
नगराम थाना क्षेत्र के पतौना गांव की गुड्डा देवी ने अपने परिवार की पीड़ा अधिकारियों के सामने रखी। उन्होंने बताया कि वह भूमिहीन हैं और अपने नाबालिग बच्चों के साथ जंगल में बने आवास में रह रही हैं, जो उन्हें तत्कालीन एसडीएम मोहनलालगंज द्वारा उपलब्ध कराया गया था। गुड्डा देवी ने कहा कि उनके आवास में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण रात के समय जंगली कीड़े-मकोड़ों के हमले और जानमाल का खतरा बना रहता है। उन्होंने सरकार से सौर ऊर्जा की व्यवस्था कराने की मांग की ताकि उनके परिवार को राहत मिल सके।समाधान दिवस में कई अन्य मामलों से जुड़े लोग भी पहुंचे, लेकिन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति के चलते कई महत्वपूर्ण शिकायतें लंबित रह गईं। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि अगली बार शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा।
