मोहनलालगंज।लखनऊ,मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में जमीन की खरीद-फरोख्त के नाम पर बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि विक्रेता ने खुद को भूमि का स्वामी बताकर आवासीय भूखंड की रजिस्ट्री करा दी, लेकिन न तो पीड़िता को भूखंड का कब्जा मिला और न ही नामांतरण हो सका। जांच में खुलासा हुआ कि जिस जमीन की रजिस्ट्री की गई, उसका नाम राजस्व अभिलेखों में विक्रेता के नाम दर्ज ही नहीं था।गायत्री विहार कॉलोनी, कंचनपुर मटियारी, चिनहट, लखनऊ निवासी श्रीमती मंजू देवी पत्नी सुशील कुमार के अनुसार उन्होंने सुल्तानपुर जनपद के गोसाईगंज निवासी नीरज पुत्र पंचम ने भौरा कला परगना व तहसील मोहनलालगंज स्थित गाटा संख्या 231/0.101 हेक्टेयर का भूखंड 2 लाख 50 हजार रुपये में खरीदा था। 20 फरवरी 2019 को उप निबंधक कार्यालय मोहनलालगंज में विधिवत रजिस्ट्री कराई गई।पीड़िता का आरोप है कि रजिस्ट्री के बाद आरोपी लगातार बहाने बनाता रहा और भूखंड का भौतिक कब्जा नहीं दिया। जब नामांतरण कराने के लिए तहसील में आवेदन किया गया तो पता चला कि उक्त गाटा संख्या पर विक्रेता का नाम खतौनी में दर्ज ही नहीं है। इस कारण नामांतरण की प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ सकी।पीड़िता ने बताया कि इस संबंध में तहसील स्तर से लेकर आईजीआरएस पोर्टल तक शिकायत की गई, जहां से भी स्पष्ट हुआ कि विक्रेता का भूमि पर कोई वैध अधिकार नहीं है। इसके बावजूद आरोपी ने रजिस्ट्री कराकर पूरी रकम ले ली। कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद भी न तो धन वापस किया गया और न ही संपर्क साधा गया।मामले में पीड़िता की तहरीर पर मोहनलालगंज थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस का कहना है कि दस्तावेजों की जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद आरोपी के खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी।
