
फतेहपुर। पिता-पुत्रों समेत सात के खिलाफ घर में घुसकर लाइसेंसी बंदूक, मोबाइल और नकदी ले जाने का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला प्रापर्टी विवाद से जुड़ा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। सदर कोतवाली क्षेत्र के सिविल लाइन निवासी विनीत कुमार मीना ने बताया कि मोहल्ले के ही सलीमुज्जफर को कोई संतान नहीं थी। उसने सलीमुज्जफर की जीवनकाल में सारी सेवाएं की। उन्होंने तीन अक्तूबर 2022 को मकान का बैनामा उसके पक्ष में किया था। बैंक खाता में उसे ही नामिनी बनाया। सलीमुज्जफर को सौतेले भाई जफर हसन व उनके पुत्र मो. हस्सान, मो. फराज, मो. बसार से संपत्ति के लालच में हत्या का डर था।यह सच भी साबित हुआ। जफर और उनके पुत्र लाइसेंसी बंदूक से डरा धमकाकर सलीमुज्जफर को 22 अक्तूबर को रजिस्ट्रार कार्यालय ले गए। उनसे बैनामा संबंधी कागजातों पर हस्ताक्षर, अंगूठा तक लगवाया। उस दिन रजिस्ट्रार कार्यालय का सर्वर डाउन था। इसी वजह से बैनामा नहीं हो सका। इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई। पुलिस ने घर में सलीमुज्जफर के बयान और वीडियो बनाया। उनके भाई-भतीजों को कोतवाली ले गई। दोबारा ऐसा न करने की चेेतावनी दी। दूसरे दिन सलीमुज्जफर ने सीएम पोर्टल समेत अन्य जगहों पर शिकायत की। इसके बाद 21 मार्च 2023 को सलीमुज्जफर की मृत्यु हो गई। उनके अंतिम संस्कार में परिवार के लोग नहीं आए। उसने ही मुस्लिम धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया। इसके बाद 18 अप्रैल की रात जफर हसन, मो हस्सान, मो फराज, मो. बशार व तीन अन्य लोग लाइसेंसी असलहों के साथ उसके घर के अंदर घुस आए।उसे पीटा और मकान का बैनामा करने का दबाव बनाया। मना करने पर जातिसूचक शब्द बोलकर गाली गलौज की। जान से मारने की नीयत से हमला किया। जान बचाकर कमरे में घुस गया। तभी उसकी हत्या की धमकी देकर चले गए। सलीमुज्जफर की लाइसेंसी बंदूक और उसका मोबाइल, रुपयों भरा पर्स भी ले गए। कोतवाल अमित मिश्रा ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।