निगोहां। लखनऊ, मोहनलालगंज विकास खण्ड के निगोहां के कुशमौरा गांव में अमौसी रजबहा नहर में समय से पानी न छोड़े जाने से रबी की फसल पर गंभीर संकट खड़ा हो गया था। गेहूं समेत अन्य फसलें सूखने लगीं तो किसानों का सब्र जवाब दे गया। मंगलवार को बड़ी संख्या में किसान एकजुट होकर नहर विभाग के खिलाफ आक्रोश जताने सड़क पर उतर आए और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे जिसकी ख़बरे निगोहां प्रेस क्लब की टीम ने प्रमुखता से प्रकाशित की तो अधिकारियों की आंखे खुली और गुरुवार से नहरों में पानी को छोड़ा गया। किसानों का कहना था कि वर्षों से नहर की केवल कागजी और औपचारिक साफ-सफाई कर दी जाती है, लेकिन सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा जाता। रबी की फसल के लिए यह सबसे अहम समय है, ऐसे में पानी के अभाव में हजारों बीघा जमीन पर खड़ी फसलें बर्बादी के कगार पर पहुंच गई थीं। इससे किसानों की आजीविका पर सीधा संकट आ गया।भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के ब्लॉक अध्यक्ष परवेश कुमार शर्मा ने नहर विभाग की उदासीनता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सिंचाई सुविधा न मिलने से सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई हैं। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि जल्द नहर में पानी नहीं छोड़ा गया तो किसान धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी नहर विभाग की होगी।
चार दिन बाद खुली नींद, गुरुवार को नहर में पहुंचा पानी……
किसानों और किसान नेताओं के तीखे विरोध और हंगामे की खबर प्रकाशित होने के बाद बाद गुरुवार को अमौसी रजबहा नहर में पानी छोड़ा गया। पानी पहुंचते ही किसानों ने राहत की सांस ली, हालांकि उनका कहना है कि यदि समय पर पानी मिल जाता तो फसल को नुकसान से बचाया जा सकता था।
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो और नहरों में नियमित रूप से समय पर पानी छोड़ा जाए, ताकि खेती को बचाया जा सके और किसानों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर न होना पड़े।
