- महिला डिग्री कॉलेज का मुद्दा इस बार भी—— नगराम। नगराम नगर पंचायत में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई और सोसल मीडिया से लेकर चाय पान की दुकानों तक जगह-जगह चुनावी चर्चाओं का जोर है।
बात करते है नगराम नगर पंचयत की। नगराम नगर पंचायत का गठन 10 अक्टूबर 1977 में हुआ तब यहाँ की आबादी लगभग 5 हजार की थी। आज यहाँ की आबादी लगभग 12854 व कुल वोटर 9798 है। बता दें कि नगराम नगर पंचायत मुश्लिम बहुल्य क्षेत्र है।जिसमे कुल 10 वार्ड है।
अब तक इस नगर पंचायत में निर्दलीय और सपा के ही प्रत्याशी के हांथो नगराम की बागडौर रही।
बता दें कि नगराम नगर पंचायत की स्थापना 10,
अक्टूबर,1977 को हुई जिसमें
पहला चुनाव 1887 में हुआ जिसमें सुरेन्द्र कुमार वर्मा सामान्य सीट से निर्दलीय चेयरमैन रहें
दूसरा 1995 सुरेन्द्र कुमार वर्मा ओबीसी पुरुष निर्दलीय रहे,
तीसरा ओबीसी पुरुष 2000 में सपा के अतीक अहमद जीते,
चौथा चुनाव ओबीसी महिला 2006 राम कुमारी पत्नी सुरेन्द्र कुमार वर्मा निर्दलीय सीट से जीती
पांचवीं 2012 ओबीसी महिला जीनत नजीर निर्दलीय
व छठवां 2017 में सपा के एस्सी सीट पर राम किशोर रावत जीते।
लेकिन कमल का फूल अब तक नही खिल सका इस बार भाजपा से श्यामप्यारी को टिकट मिला है क्षेत्र में विधायक और सांसद भी भाजपा से है शायद इसका फायदा इस बार मिलता है या जाति समीकरण या नगराम के मुद्दों पर जनता अपना चेयरमैन चुनेगी ये तो समय ही बताएगा।
—– मुद्दा जो हर चुनाव में याद आया——-
जनसंपर्क में उम्मीदवार रात दिन एक कर वोटरों से बड़े- बड़े वादे कर रहे है कोई पानी की टंकियां चालू करा देने तो कोई गर्ल्स डिग्री कालेज बनवा देने की बात कर रहें हॆं। नगराम में पानी की टंकी जरूर है लेकिन अभी तक चालू नही हो सकी जिसका मुद्दा भी जनता के बीच है
इसी तरह नगराम इलाके में कोई भी महिला डिग्री कॉलेज नही है जो हर बार चुनाव का मुद्दा बनाता आ रहा है।