
सशक्त हिंदुस्तान के लिए आर्थिक और शैक्षिक आधार पर हो जनगणना – सुबेदार रि पवन सिंह
जातिगत जनगणना राजनीतिक नटवर लालों की सत्ता की मलाई खाने का बस एक माध्यम सुबेदार रि पवन सिंह ने बताया कि जातिगत जनगणना को लेकर जयहिन्द युवा सेना में विचार विमर्श किया गया जिसमें सभी ने इसका विरोध किया और सबने यही कहा जातिगत जनगणना देश की अखंडता के लिए खतरा है
जातिगत जनगणना देश के लिए क्यों और कैसे घातक?
अगर हम इतिहास के अतीत में देखें तो हम करीब 1400 साल गुलाम रहे सिर्फ जाति धर्म में बंटकर और आपसी द्वेष और स्वार्थवश आक्रांता जितने भी आए मुठ्ठी भर लोग आए सैनिक लेकर नहीं आए थे
धार्मिक बढ़ते उन्माद से ज्यादा जातीय कट्टरता देश के लिए ज्यादा घातक है देश आजाद होने के बाद राजनीतिक नटवरलालों ने जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और भाषावाद के आधार वोटबैंक समीकरण को सत्ता की मलाई और लूट का माध्यम बनाया
आपके सामने खालिस्तान, बोडोलैंड, नक्सलवाद आदि सभी को राजनीतिक संरक्षण और समर्थन के साथ विदेशी शक्तियां फंडिंग कर रही है आपने यह भी देखा तमिलनाडु में हिंदी भाषियों की सामूहिक हत्याएं हो रही सिम्मी पीएफआई माओवादी देशविरोधी संगठन है
जातिगत जनगणना से विशेष जाति बाहुल्य क्षेत्र में फंडिंग और नफ़रत से जातीय रेडिकलाइजेशन होगा इससे सभी जातियां अपनी जाति का वर्चस्व बचाने के लिए खूनी संघर्ष शुरू लाखों हत्याएं होंगी
हम सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं फिर जाति धर्म है सोचो अगर देश ही न रहा तो जाति धर्म कहां बचेगा ? किस देश में जाएंगे?
अगर आर्थिक और शैक्षिक आधार पर जनगणना होती है तो आर्थिक और शैक्षिक आधार पर एक डेटाबेस तैयार हो जाएगा फिर सरकारें आर्थिक और शैक्षिक आधार पर पिछड़े लोगों को सशक्तिकरण के लिए काम करें जब तक ग्रामीण क्षेत्र के गरीब किसान युवा और महिलाएं शक्तिशाली नहीं होती तब तक हिंदुस्तान को विश्व गुरु बनाने की बात करना सिर्फ और सिर्फ छलावा होगा
देश के युवाओं लोगों से जयहिंद युवा सेना की अपील है जातिगत जनगणना का अपने अपने क्षेत्र में विरोध करें सरकार से अनुरोध है जातिगत जनगणना करने के निर्णय का फैसला ना करे