तम्बाकू उत्पादों से दूरी बना 10 तरह के कैंसर के खतरे को किया जा सकता है कम: डॉ वी पी सिंह
उन्नाव/बिहार – कैंसर एक भयावह बीमारी है, जिससे लोगों की जान को खतरा रहता है। इससे सुरक्षा के लिए लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल 04 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस का आयोजन किया जाता है। आज विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर बिहार के गिरिजा शंकर सरला देवी पब्लिक स्कूल में प्रबंधक कल्लू गुप्ता व प्रधानाचार्य गोवर्धन सिंह ने विचार गोष्ठी का आयोजन किया।आयोजन में
मनोरोग चिकित्सक व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ वी पी सिंह ने
बताया की कैंसर की शुरुआती समय में पहचान होने से इसका इलाज आसानी से हो सकता है। कैंसर के तीसरे स्टेज पार होने पर इसके इलाज में मुश्किलें बढ़ जाती हैं और जान का खतरा होता है। इसलिए सभी लोगों को कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर जांच अवश्य करवाना चाहिए। डॉ सिंह ने बताया की आजकल बाजार में पाए जा रहे अधिकतर खाद्य पदार्थ ज्यादातर केमिकल्स के मिश्रण से बना होता है। इन खाद्य पदार्थों के अधिक इस्तेमाल से कैंसर को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा बहुत से लोग धूम्रपान व तम्बाकू का सेवन करते हैं जो मुंह के कैंसर का मुख्य कारण है।
डॉ वी पी सिंह ने कहाकि कि धूम्रपान से भारत में 40 फीसदी कैंसर के मरीज हैं। भारत में तम्बाकू का सेवन (धूम्रपान या गुटखा) कैंसर के लिए सबसे बड़ा कारण है। अगर सिर्फ तंबाकू उत्पादों से ही दूरी बना ली जाए तो करीब 10 तरह के के कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे (गैट्स) 2009-10 के अनुसार, करीब 35 प्रतिशत भारतीय किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं।इनमें 47 प्रतिशत पुरुष और 20.2 प्रतिशत महिलाएं हैं। आइए जानते हैं कि तंबाकू शरीर के लिए किस तरह जानलेवा बन जाता है।
तंबाकू खाने वाले ज्यादातर लोग पूरी तरह अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं। मुंह के अन्दर दोनों ओर सफेद लाइन कैंसर की तरफ बढ़ने का संकेत हैं।अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये खतरनाक हो सकता है।तम्बाकू से दांत कमजोर पड़ जाते हैं और समय से पहले ही गिर जाते हैं। इसके सेवन से दांत-मुंह से संबंधित बीमारियां होने लगती हैं। इसके अलावा, ये आंखों की रौशनी भी कम कर देता है। तम्बाकू फेफड़ों के लिए भी बहुत खतरनाक है।
डॉ वी पी सिंह ने बताया कि नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट-2019 के अनुसार, हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत कैंसर की वजह से होती है। इनमें से 80 प्रतिशत मौतें लोगों के उदासीन रवैये के कारण होती है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए। इसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें मौजूद विटामिन व मिनरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है।