
अफवाहें व अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई——-
निगोहां। एसीपी रजनीश वर्मा ने होली और रमजान त्यौहारों को लेकर शनिवार को हिन्दू व मुस्लिम दोनों समुदाय के धर्म गुरुओं , ग्राम प्रधानों और संभ्रांत लोगों के साथ बैठक की। बैठक को संबोधित करते हुए एसीपी रजनीश वर्मा ने कहा कि होली, रमजान और ईद-उल-फितर का पर्व शांति और सौहार्द से मनाएं। दोनों त्यौहारों में किसी भी तरह की अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसके अलावा पुलिस सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों और होली जुलूस के दौरान हुड़दंग मचाने वालों पर भी कड़ी नजर रखेगी। निगोहां थाना परिसर में बैठक लेते हुए एसीपी रजनीश वर्मा ने थाना प्रभारी निगोहां अनुज कुमार तिवारी व पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए कि होली का त्यौहार घटनारहित संपन्न कराना हमारी जिम्मेदारी है। जिसमें लोगों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। हमारे देश प्रदेश व क्षेत्र की परंपरा रही है कि सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में भागीदारी निभाते हैं। होली पर्व एक-दूसरे को आपस में जोड़ने का पर्व है। होली पर अवैध शराब की बिक्री न होने पाए। रंग खेलने में किसी से जोर-जबरदस्ती न की जाए। एसीपी ने नागरिकों से अपील की कि होली उत्साह से मनाएं, लेकिन हुड़दंग न करें। पर्व पर अराजकता बर्दाश्त नहीं कीजाएगी। उन्होंने कहा कि इसी समय मुस्लिम समुदाय का पर्व रमजान व ईद-उल-फितर पर भी मनाया जाएगा। दोनों पर्व एक साथ होने के कारण संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ऐसे में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। सफाई व्यवस्था पर ध्यान दिये जाने के साथ ही होलिका दहन के स्थान को लेकर कोई भी विवाद हो तो उसे आपसी सहमति से सुलझा लिया जाए औऱ उन्हें भी सूचना दे। इसके अलावा हिन्दू मुस्लिम दोनों समुदाय होली व रमजान त्योहारों के दृष्टिगत इंटरनेट मीडिया अथवा अन्य माध्यमों से फैलाई गई किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी और उस पर कार्यवाही की जाएगी। दोनों ही पर्व परंपरागत व आपसी भाईचारा से मनाएं कोई नई परंपरा की शुरुआत न करें। अन्यथा त्यौहारों के दौरान अफवाह फैलाने वालों और हुड़दंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान थाने के उपनिरीक्षकों व पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए गए कि रमजान माह में जुमे की नमाज के दौरान मस्जिदों में पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की जाए। बैठक में मुख्य रूप से दोनों समुदायों के धर्म गुरुओं, प्रधानों के अलावा क्षेत्र के गणमान्य लोग भारी संख्या में मौजूद रहे।