
लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा कम बच्चों वाले प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर उन्हें अन्य विद्यालयों में विलय किए जाने के निर्णय का विरोध तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को राष्ट्रीय कल्याण मंच के नेतृत्व में मोहनलालगंज तहसील में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनोद कुमार रावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और सरकार से इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।प्रदर्शन के दौरान अनोद कुमार रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के गरीब, वंचित, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समाज के लोग आज भी निजी विद्यालयों की महंगी शिक्षा वहन नहीं कर सकते। ऐसे में सरकारी प्राथमिक विद्यालय ही उनकी शिक्षा का मुख्य आधार हैं। यदि इन स्कूलों को बंद या मर्ज किया जाता है तो यह सीधे-सीधे सामाजिक न्याय और समान अवसर के सिद्धांत के विरुद्ध होगा।ज्ञापन में मांग की गई कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे और किसी भी प्राथमिक विद्यालय को बंद या मर्ज न किया जाए, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए।इस मौके पर कई सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से राम सिंह प्रधान, भारतीय किसान यूनियन नेता रामसेवक रावत, पंकज भार्गव, बोधराम पसी (प्रदेश उपाध्यक्ष), एडवोकेट के.पी. यादव, एडवोकेट दुर्गेश अंबेडकर, संतप्रकाश रावत, लखनऊ जिला अध्यक्ष मनोज कुमार रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश पासवान, प्रदेश सचिव रमेश रावत, रायबरेली जिला अध्यक्ष एडवोकेट शैलेन्द्र पासवान, अमेठी जिला अध्यक्ष बबीता रावत, युवा विधानसभा अध्यक्ष विशाल पिंटू रावत, हरिकेश रावत, गुड्डू रावत, डॉ. लक्ष्मी प्रसाद, मोनू रावत और शुभम गौतम आदि शामिल रहे।प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और प्रशासन को चेतावनी दी गई कि यदि मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।