मोहनलालगंज, लखनऊ।विकास खंड मोहनलालगंज के निगोहा क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में बीती सोमवार की देर रात हुई तेज बारिश और तूफान ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों में लहलहाती धान की फसलें झुककर पानी में समा गईं, जिससे किसानों के माथे पर चिंता की गहरी लकीरें खिंच गई हैं। किसानों का कहना है कि अगर इसी तरह बारिश और तेज हवाएं चलती रहीं तो इस बार की धान की उपज पर भारी असर पड़ेगा। कई जगह खेतों में पानी भरने से फसलें गलने लगी हैं, वहीं कुछ जगह तूफान के चलते पौधे जड़ से उखड़ गए हैं।क्षेत्र के किसानों ने बताया कि धान की फसल इस समय पकने की स्थिति में है और अगर मौसम ने यूं ही करवट बदली रखी तो कटाई से पहले ही पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। निगोहा निवासी किसान राजेश यादव ने बताया, पिछले छह महीनों से दिन-रात खेत में मेहनत की, अब जब फसल पकने को है तो तेज हवा और बारिश ने सब चौपट कर दिया। अगर मौसम नहीं सुधरा तो पूरे साल की मेहनत बेकार हो जाएगी।”इसी बीच, किसानों का कहना है कि बारिश का असर सिर्फ धान की फसलों पर ही नहीं बल्कि आलू, तिलहन और सब्जियों पर भी पड़ रहा है। लगातार हो रही नमी से फसलों की बुवाई में देरी होगी, जिससे पैदावार में कमी आ सकती है।पान की खेती करने वाले किसान यूनियन के प्रदेश सचिव बेचालाल चौरसिया ने बताया कि तेज हवाओं और लगातार बारिश से पान की बेलें टूटकर गिर गई हैं। उन्होंने कहा, “अगर मौसम इसी तरह बिगड़ा रहा तो पान की फसल पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। पान किसानों की आय बंद हो जाएगी और उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर भी असर पड़ेगा। अब तो किसान भगवान भरोसे ही हैं।वहीं किसान नेता कृष्णपाल शर्मा ने बताया कि इस बारिश और तूफान से किसानों की कमर टूट गई है। उन्होंने कहा, धान की फसल पकने की स्थिति में थी, लेकिन तेज हवाओं और ओलावृष्टि जैसी बारिश ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। किसानों की मेहनत और लागत दोनों पर पानी फिर गया है। प्रशासन को तुरंत सर्वे कराकर किसानों की मदद करनी चाहिए।स्थानीय किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि खेतों में हुए नुकसान का तत्काल सर्वे कराया जाए और प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए ताकि उनकी अगली फसल प्रभावित न हो। किसानों ने बताया कि इस बार की बारिश ने उम्मीदें तोड़ दीं, अब अगली फसल लगाने के लिए भी सोच में पड़ गए हैं।शिवकुमार वर्मा, किसान ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश और तेज हवाओं की संभावना बनी हुई है। ऐसे में किसानों की मुश्किलें अभी कम होती नहीं दिख रहीं।
