मोहनलालगंज।लखनऊ,मोहनलालगंज तहसील सभागार में शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस उस समय सवालों के घेरे में आ गया, जब कई विभागों के जिम्मेदार अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए। समाधान दिवस में बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे, लेकिन संबंधित विभागीय अधिकारियों की गैरमौजूदगी के चलते सभागार में कई कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। अधिकारियों के न आने से फरियादियों को घंटों इंतजार करना पड़ा और अंततः कई लोग मायूस होकर बिना समाधान लौटने को मजबूर हुए।गौरतलब है कि संपूर्ण समाधान दिवस मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण करना है। प्रत्येक शनिवार को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य मानी जाती है, ताकि मौके पर ही शिकायतों का समाधान कराया जा सके।शनिवार को आयोजित समाधान दिवस में तहसील प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां की गई थीं, लेकिन कई विभागों के अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहे। इससे न सिर्फ फरियादियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, बल्कि शासन की मंशा पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो गए।मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम पवन पटेल ने अधिकारियों की गैरहाजिरी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने इसे अत्यंत गंभीर लापरवाही बताते हुए कहा कि जब आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए एक सशक्त मंच उपलब्ध कराया गया है, तो जिम्मेदार अधिकारियों की अनुपस्थिति कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीएम ने समाधान दिवस से अनुपस्थित रहे सभी अधिकारियों को स्पष्टीकरण नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि वे कार्यक्रम में क्यों नहीं पहुंचे।एसडीएम ने स्पष्ट किया कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही दोहराई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप जनता की समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करना सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है।अधिकारियों की गैरमौजूदगी से नाराज फरियादियों ने भी व्यवस्था पर सवाल उठाए और मांग की कि समाधान दिवस में सभी विभागों के अधिकारी अनिवार्य रूप से मौजूद रहें, ताकि आम जनता को बार-बार चक्कर न लगाने पड़ें।
