
लखनऊ। कोई मां एक औलाद के लिए दर-दर माथा टेकती है, मंदिरों में मिन्नते मांगती है। अगर भगवान सुन लेता है तो वह अपनें जिगर के टुकडें को अपनें कलेजे से लगाकर रखती है, और आंचल सूना होने पर भगवान के सामने आंचल फैलाकर एक औलाद की भीख तक मांगती है। हर परिस्थिति पर माँ अपने कलेजे के टुकड़े को कभी अपने से अलग नही करती है। ऐसे में शुक्रवार बरसात के बीच नाले पर कूड़े के ढेर में जन्मे बच्चे को छोड़कर कोई मा कैसे जा सकती है? निगोहां के मदापुर चौराहे से आगे हाईवे के नाले पर एक नवजात शिशु का शव पड़ा था। राहगीरों ने इसकी सूचना निगोहां पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजा। इंस्पेक्टर निगोहां विनोद कुमार यादव ने बताया कि शुक्रवार सुबह बारिश के दौरान हाईवे से गुजरे हुए राहगीरों ने शिशु के शव को देखा था, उसके बाद उन्हे सूचना दी। पुलिस ने बताया कि हाइवे पर सहित आसपास के लगेे कैमरों की छानबीन कर शिशु को फेकने वाले का पता लगाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया मोहनलालगज से लेकर निगोहा, सिसेंडी तक निजी अस्पतालों का मकड़जाल फैला हुआ है। जहां पर आए दिन बच्चों का जन्म के साथ बच्चे सफाई का काम बेखौफ किया जाता है। अगर एक अस्पताल ऐसा करने से मना करता है तो दूसरा करने को तैयार हो जाता है, कही इसी तरह के मामले का ही शिशु होगा?