
मोहनलालगंज कस्बे के कालेवीर बाबा मन्दिर परिसर में आयोजित श्री रामकथा में पांचवें दिन गुरूवार को कथा व्यास मारुति नन्दन महाराज ने श्रीराम जन्मोत्सव, श्रीराम सहित तीनों भाइयों के नामकरण तथा श्रीराम की बाल लीलाओं का बड़ा ही रोचक व सुखद वर्णन किया। कथा व्यास मारुति नन्दन महाराज ने श्रीराम कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के अवतरित होते ही राजमहल सहित पूरे अवध राज्य में आनन्द छा गया। महाराज दशरथ के महल में रामलला के दर्शन हेतु केवल प्रजा बल्कि विभिन्न रूपों में देवताओं का आवागमन हुआ। महाराज दशरथ चारों पुत्रों के जन्म की खबर पाकर प्रजा जनों को भरपूर दान लुटाने लगे और प्रजा जनों ने भी जो पाया वह अन्य लोगों को खुशी होकर लुटा दिया जिसे बाबा तुलसी ने कुछ यों वर्णित किया है, ” सर्बस दान दीन्ह सब काहू, जेहि पाबा राखा नहिं ताहू “। श्री राम के जन्म से अवधपुरी सुशोभित और आनन्दित हो गई तथा इतना उत्साह और परमानन्द छा गया कि सूर्य देव भी श्रीराम जन्मोत्सव देखने में इतना मस्त हो गये कि वह अपनी गति भूल कर एक माह तक एक ही स्थान पर ठहरे रहे और एक महीने का दिन हो गया तथा रात हुई ही नहीं लेकिन किसी ने भी इस रहस्य को नहीं जाना, जिसे बाबा तुलसी ने यों कहा है ” मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ, रथ समेत रबि थाकेउ निसा कबन विधि होइ। कथा व्यास मारुति नंदन महाराज ने गुरु वशिष्ठ द्वारा महाराज दशरथ के चारों पुत्रों के नामकरण तथा भगवान श्रीराम की विभिन्न बाल लीलाओं का सुखद और मनोहारी वर्णन किया। संगीतकार यज्ञ शरण मिश्रा, रितेश मिश्रा और हर्ष द्विवेदी ने श्री राम जन्म की विभिन्न बधाईयों और भजनों को गाकर भक्त जनों को भाव विभोर कर दिया जिसमें “आज अयोध्या की गलियों में, राम नाम सुखदाई भजन करो भाई, ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैजानिया और हर मात-पिता बेटा मांगे, नामक भजन प्रमुख रहे।