लखनऊ। मोहनलालगंज तहसील के धौरहरा व गौरियाकला गांवो के किसानो की करोड़ो की बेशकीमती जमीन फर्जी तरीके से बिना किसी आदेश के रियल टाइम खतौनी में डिजिटल की के जरिये जालसाजो के नाम दर्ज करने के फर्जीवाड़े में मास्टर माइंड प्रापर्टी डीलर व सविंदाकर्मी समेत सात लोगो को गिरफ्तार कर बुद्ववार को न्यायालय में पेश किया,जहां से सभी आरोपियो को जेल भेज दिया गया।जेल भेजे गये आरोपियो से पुछताछ के बाद पूरे फर्जीवाड़े में एक बिचौलिये समेत सरकारी कर्मचारी का नाम भी सामने आया है।एसीपी ने बताया फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगो पर भी जांच के बाद कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
गौरतलब है मोहनलालगंज तहसील के धौरहरा गांव में प्रेमावती सावित्री कृष्णावती और कलावती के नाम दर्ज करोड़ो की बेशकीमती साढे आठ बीघे के आस-पास जमीन को फरवरी में रियल टाइम खतौनी तैयार करते समय बिना किसी आदेश के उन सबका नाम गायब कर फर्जी किसान राम आधार निवासी धौरहरा के नाम दर्ज कर दी गयी थी.इसी तरह गौरियाकला के मृतक बृज किशोर की जमीन भी बिना किसी आदेश के डिजिटल की के जरिये फर्जी तरीके से चार फर्जी किसानो के नाम दर्ज कर दी गयी थी।दोनो गांवो में हुये फर्जीवाड़े की शिकायत डीएम से हुयी थी जिसके बाद हड़कम्प मचा तो एसडीएम ने फर्जी इन्द्राज निरस्त कर जमीनो को वापस मूल किसानो के नाम खतौनी में दर्ज कराने के साथ ही राजस्व निरीक्षक हरेन्द्र सिंह से सविंदाकर्मी समेत जालसाजो के विरूद्व कार्यवाही के लिये तहरीर दी थी,जिसके बाद पुलिस ने सविंदाकर्मी हेरम्ब शुक्ला समेत आधा दर्जन जालसाजो को हिरासत में लेकर पुछताछ शुरू की तो धौरहरा में करोड़ो की जमीन फर्जीवाड़े में एक प्रापटी डीलर राम सुचित उर्फ राजन यादव निवासी भोगनाथपुरवा थाना गोसाईगंज का नाम सामने आया, पुलिस ने प्रापर्टी डीलर को हिरासत में लेकर कड़ाई से पुछताछ शुरू की तो वो टूट गया ओर एक बिचौलिये के जरिये तहसील के एक सरकारी कर्मचारी को एक लाख रूपये देकर साढे आठ बीघे जमीन फर्जी किसान राम आधार निवासी धौरहरा के नाम दर्ज कराने के बाद उससे अपने नाम एग्रीमेंट कराने की बात कबूली.जमीन बेशकीमती थी ओर वो उस पर प्लाटिंग कर करोड़ो कमाना चाहता था।वही गौरियाकला में मृतक किसान बृजकिशोर की जमीन फर्जी तरीके से अपने नाम कराने वाले जालसाजो मो०तबलीक, मो०गुफरान, खुर्शीद अहमद, मो०हसीब निवासीगण रसूलपुर टिकनिया मऊ थाना गोसाईगंज को हिरासत में लेकर कड़ाई से पुछताछ की तो चारो ने फर्जी तरीके से जमीन अपने नाम कराने के लिये 30-30हजार रूपये के हिसाब से 1लाख 20हजार की रकम तहसील के एक सरकारी कर्मचारी को दिये जाने की बात कबूली।पुलिस ने दोनो ही गांवो की जमीनो के फर्जीवाड़े की घटना में शामिल सविंदाकर्मी हेरम्ब शुक्ला,प्रापर्टी डीलर रामसुचित उर्फ राजन यादव,फर्जी किसान राम आधार, मो०तबलीक, मो०गुफरान, खुर्शीद अहमद, मो०हसीब को बुद्ववार को न्यायालय में पेश किया जहां से सभी को जेल भेज दिया गया।एसीपी रजनीश वर्मा ने जमीन फर्जीवाड़े के मामले का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाने वाले इंस्पेक्टर आलोक राव व वरिष्ठ उपनिरीक्षक यशवन्त सिंह समेत पूरी पुलिस टीम की पीठ थपथपाकर शबाशी दी।
तहसील के सरकारी कर्मचारी कराया दोनो गांवो में फर्जीवाड़ा..
पुलिस की पुछताछ में सामने आया है धौरहरा व गौरियाकला गांवो में जिन किसानो की करोड़ो कीमत की जमीन को रियल टाइम खतौनी में बिना किसी प्रपत्र के फर्जी तरीके से डिजिटल की के जरिये फर्जी किसानो के नाम जमीन दर्ज करने के मामले में कुछ बिचौलियो व तहसील में तैनात एक सरकारी कर्मचारी का नाम आया है जिसने दोनो गांवो में फर्जीवाड़ा करने के एवज में जालसाजो ने लाखो की रकम ली,आखिर इतने बड़े फर्जीवाड़े में अकेले एक कर्मचारी केवल शामिल हो सकता है ये बात किसी के गले नही उतर रही है।एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया जांच के बाद कुछ ओर लोगो के नाम सामने आये है गहनता से पड़ताल के बाद उक्त लोगो पर भी कड़ी कार्यवाही की जायेगी।