
साहित्यिक मनीषी डा. ओमप्रकाश सिंह का हुआ नागरिक अभिनंदन
लालगंज-रायबरेली। हिन्दी की अनवरत सेवा में लगे डा. ओम प्रकाश सिंह का कर तल ध्वनि के बीच नागरिक अभिनंदन हुआ। प्रबुद्धजनों एवं हिन्दी मर्मज्ञों के अलावा दर्जन भर से अधिक संगठनो ने अलग-अलग श्री सिंह को अभिनंदित किया और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ देश से लेकर विदेशों तक हिन्दी की पताका फहराने वाले कार्यों की केवल सराहना ही नहीं की बल्कि उनके सतत् प्रयासों का अभिनंदन भी किया। उल्लेखनीय है कि डा. सिंह बैसवारा क्षेत्र के रहने वाले हैं और इन्होने हिन्दी साहित्य एवं नवगीत जगत में उसके विकास एवं संवर्धन में अपना अतुनीय योगदान दिया है। फतेहपुर जिले के भिटौरा के प्रख्यात विद्वान संत विज्ञानानंद महराज ने कहा कि राजतंत्र और मठों (संतपथ) से समाज को नयी दिशा मिलने की उम्मीदें टूट चुकी हैं। इन दोनो के पथों के न तो सिद्धांत बचे है और न ही विचारधारा। बैसवारा साहित्य एवं सामाजिक संस्था के बैनर तले आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. सूर्य प्रसाद दीक्षित ने डा. ओमप्रकाश सिंह को वर्तमान का अजातशत्रु बताते हुए कहा कि बिना किसी रागद्वेष की उनकी 40 वर्षों की सेवाएं अभिनंदनीय रही हैं। अध्यापन कार्यों के साथ शोध कार्यों में निर्देशन, विद्यालयों की व्यवस्था, सम्पादन, प्रदर्शन के साथ बैसवारे के इतिहास के संवर्धन के कार्यों की सराहना केवल अभिनंदन से ही नहीं पूरी होती है। श्री दीक्षित ने ऐेसे उदाहण प्रस्तुत कर श्री सिंह को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया। बतौर अतिथि हिन्दी संस्थान की पूर्व सम्पादक डा विद्याबिन्दु ने कहा कि लोकप्रिय होना बड़ी तपस्या का फल होता है। शिक्षक के रूप में लेखनी से डा. सिंह ने जो संदेश दिया वह अनुकरणीय है। उन्होने नवगीत विधा सहित साहित्य की हर विधा पर अपनी लेखनी चलायी है। अपने सम्मान से अविभूत डा. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि आज मिलने यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि भाषा और साहित्य और बैसवारे का सम्मान है।
समाजसेवी व मनोरोग चिकित्सक डा वी पी सिंह ने कहा कि कहा कि नैतिक मूल्य की चिंता ओमप्रकाश सिंह जी को है। इनकी लेखनी इसी समाप्त होती मूल्य व्यवस्था को पुनः स्थापित करना चाहती है
ओमप्रकाश सिंह जी की किताबें शोध का शक्ल लेने को आतुर हैं। इन पर शोध होना चाहिए।
इस मौके पर विभिन्न संगठनो बैसवारा विकास संस्थान, बैसवारा शोध संस्थान, विभिन्न शिक्षक संगठन, पूर्व सैनिक परिषद, बैसवारा विद्वत परिषद, बैसवारा एजूकेशन ट्रस्ट के बैसवारा महाविद्यालय, बैसवारा इंटर कालेज, पंचवटी विकास समिति, उप्र. व्यापार मंडल के दोनो संगठन, उतरागौरी ग्रामपंचायत समिति, बैसवारा चेतना संघ, के अलावा हिन्दी शोधार्थियोें ने डा. सिंह को माल्र्यापण कर प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। समारोह में डा. तहसीलदार सिंह, डा. अमलधारी सिंह, डा. रामनरेश, इंडो अमेरिकन चेम्बर आॅफ कामर्स के प्रतिनिधि मुकेश सिंह, डा. चम्पा श्रीवास्तव, डा. ओमधीरज, प्रो.बीएन विश्वकर्मा, प्रो.प्राचार्या डा. शीला श्रीवास्तव, साहित्यकार गणेश गंभीर, हिमाशू उपाध्याय, डा. गणेश नारायण शुक्ला का भी अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक के रूप में हरिनाम सिंह, अवनीश सिंह, प्रो. अविनाश सिंह के अलावा डा. निरंजन राय, डा. ब्रजेश सिंह, अशीष प्रताप सिंह, डॉ वी पी सिंह, राजेश फौजी, प्रधानाचार्य रामप्रताप सिंह, डा. जय चक्रवर्ती, केशव कुमार सिंह, कांग्रेस नेत्री सुधा द्विवेदी, भाजपा नेता रवीन्द्र कुमार ंिसंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह, भगवंत नगर से रमेश सिंह, मोहन सिंह, आज्ञा शरण सिंह, शिक्षक नेता शत्रुध्न सिंह, होम्योपैथी चिकित्सक डा. अशोक सिंह, डा. एमडी सिंह, अमर पाल सिंह, राहुल भदौरिया, विवेक शर्मा, सहित भारी संख्या में गणमान्य व प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
इंसेट.
शब्द साक्षी व अभी और कुछ कहना है कृति का विमोचन
लालगंज-रायबरेली। बैसवारा साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था के बैनर तले आयोजित हिन्दी विद्वान डा. ओम प्रकाश सिंह के नागरिक सम्मान समारोह में शब्द साक्षी एवं अभी और कुछ कहना है नामक पुस्तकों का विमोचन सम्मन्न हुआ। शब्द साक्षी पुस्तक में डा.ओम प्रकाश सिंह की साहित्यिक यात्रा का विभिन्न लेखकों एवं साहित्यकारों ने प्रकाश डाला है जबकि अभी और कुछ कहना है पुस्तक गीत संग्रह है। डा. ओम प्रकाश ंिसंह की इस कृति में विभिन्न सामाजिक मूल्यों एवं नवगीत का समावेश है।