
चूल्हे की चिंगारी से लगी आग, समाजसेवी नवीन मिश्रा सहित राजस्व टीम मौके पर पहुंचीं की मदद*लखनऊ। निगोहां के मीरकनगर गांव मे शनिवार को फुस की झोपड़ी बनाकर रह रही महिला मजदूर की झोपड़ी में चूल्हे में खाना बनाते समय आग लग गई। आग की लपटें देख शोर सुन ग्रामीण दौड़ पड़े और फायर बिग्रेड को सूचना देने के साथ आग बुझाने लगे लेकिन जब तक आग पर काबू पाते तब तक नगदी जेवरात सहित सारी गृहस्थी जलकर राख हो गई। वहीं सूचना पर नायाब तहसीलदार सहित अन्य राजस्व कर्मियों ने पहुँचकर ततकाल राशन व अन्य सामग्री दिलाई साथ ही सरकारी मदद दिलाए जाने का अस्वाशन दिया। एक समाजसेवी ने भी पहुचकर मदद की। मीरकनगर गांव निवासी चन्दावती के पति ने उसे करीब 10 वर्ष पूर्व छोड़ दिया था जबसे चन्दावती अपनी बेटी काजल 18 वर्ष के साथ फुस की झोपड़ी बनाकर रह रही थी और इधर उधर मजदूरी कर जीविका चला रही थी। चन्दावती ने बेटी काजल के विवाह की तैयारी भी कर रही थी गेहूं कटान की मजदूरी कर घर मे करीब 8 कुंटल गेंहू भी इखट्टा कर रखा था, साथ ही बेटी के विवाह के लिए करीब 50 हजार के जेवरात भी जोड़ रखे थे। वहीं शनिवार सुबह मां के मजदूरी गेहूं कटान पर जाने के बाद बेटी काजल चूल्हे में खाना बना रही थी इस दौरान काजल कुछ समान लेने के लिए पास की परचून दुकान चली गई लौट कर देखा तो उसकी झोपड़ी से आग की लपटें उठें और देखते ही देखते आग भीषण रूप ले लिया शोर मचाने पर ग्रामीण दौड़ पड़े फायर स्टेशन सूचना देने के साथ ही आग बुझाने लगे लेकिन जब तक आग पर काबू पाते तब तक नगदी करीब 15 हजार, व जेवरात सहित अनाज, कपड़े, बक्से सहित सारी गृहस्थी जलकर राख हो गई। वहीं सूचना पर नायाब तहसीलदारगुरूप्रीत, लेखपाल सुनील कुमार, लेखपाल अहमद अब्बास , कानूनगो हारेद्र सिंह पीडित परिवार को कोटेदार से गेंहू व चावल तत्काल दिलाते हुए आग से नुकसान का आकलन कर सरकार द्वारा मुआवजा दिलाने की बात कही।वहीं सूचना पर पहुचे समाजसेवी नवीन मिश्रा ने आर्थिक मदद के साथ राशन, सब्जी , व मां बेटी के नए कपड़े देकर उनकी मदद की साथ ही बेटी के विवाह में मदद का अस्वाशन दिया।वहीं घटना के बाद से मां बेटी का रो- रो कर बुरा हाल है।* *ग्रामीणों में आक्रोश, कहा दूर है फायर स्टेशन समय पर नही आती* गरीब महिला मजदूर की झोपड़ी में आग लगने पर ग्रामीणों ने फायर स्टेशन सूचना देने के बाद भी काफी देर तक दमकल गाड़ी नही पहुची।फायर स्टेशन पीजीआई में है निगोहां से जिसकी दूरी लगभग 30 किलो मीटर है वहीं नगराम से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है। इस क्षेत्र में गेहूं की फसल व गरीब असहाय लोगों के घरों में रखे छप्पर में आग लगती है तो फायर सर्विष को सूचना देने के बाद लगभग एक से डेढ़ घण्टे लग जाते है।तब तक आग से सब कुछ जलकर खाक हो जाता है। जो आग से पीड़ित किसानों व गरीब असहाय लोगो के सामने जीवन यापन करने में काफी दिक्कतें आ जाती है। कई बार ग्रामीणों ने निगोहां फायर स्टेशन बनाये जाने की मांग उठाई लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।