
लखनऊ। मोहनलालगंज तहसील में कार्यरत नायब तहसीलदारों के व्यवहार से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने शनिवार को बार एसोसिएशन की एक आपात बैठक आयोजित की। बैठक में तहसील मोहनलालगंज व तहसील गोसाईगंज के नायब तहसीलदारों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए वकीलों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि जब तक इन अधिकारियों को हटाकर किसी अन्य अधिकारी को नियुक्त नहीं किया जाता, तब तक अधिवक्ता इन दोनों न्यायालयों में न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।
बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता कौशलेंद्र शुक्ला ने की और संचालन महामंत्री राम लखन यादव ने किया। अधिवक्ताओं ने बैठक में बताया कि नायब तहसीलदार गणेश प्रकाश त्रिपाठी द्वारा अधिवक्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है, जिससे अधिवक्ता समुदाय में भारी रोष है। आरोप लगाए गए कि उक्त अधिकारी द्वारा कार्य में सहयोग न करना, सुविधा शुल्क की मांग करना और न देने पर न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करना आम बात हो गई है।बैठक में उपस्थित तमाम अधिवक्ताओं ने एक स्वर में नायब तहसीलदारों की कार्यप्रणाली की निंदा की और कहा कि यह व्यवहार न केवल अधिवक्ताओं का अपमान है, बल्कि न्याय प्रक्रिया को भी बाधित करता है। वकीलों का कहना है कि संबंधित अधिकारियों का रवैया लोकतांत्रिक और न्यायिक मूल्यों के खिलाफ है।बार एसोसिएशन द्वारा पारित प्रस्ताव में साफ कहा गया है कि जब तक नायब तहसीलदार मोहनलालगंज और गोसाईगंज को हटाकर उनके स्थान पर किसी अन्य योग्य अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जाती, तब तक अधिवक्ता इन दोनों न्यायालयों में कोई भी न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।इस निर्णय से तहसील में न्यायिक कार्य ठप होने की आशंका है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो विरोध और तेज किया जाएगा।