
निगोहां के मस्तीपुर गांव की घटना……
निगोहां, लखनऊ।मंगलवार दोपहर निगोहां थाना क्षेत्र के मस्तीपुर गांव में सर्पदंश की घटना ने एक परिवार की खुशियों को गम में बदल दिया। गांव निवासी 25 वर्षीय सोनी की जहरीले सांप के काटने से मौत हो गई। दुखद बात यह रही कि समय पर इलाज की बजाय परिजन झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ गए, जिससे उसकी जान नहीं बच सकी।प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोनी दोपहर करीब 1 बजे अपने घर के कमरे में कुछ सामान निकालने गई थी। इसी दौरान कमरे में रखे एक पुराने जूते में छिपे जहरीले सांप ने उसके हाथ में काट लिया। जैसे ही उसने दर्द महसूस किया और सांप को देखा, वह घबराकर चिल्लाने लगी। आवाज सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे और सर्पदंश की जानकारी होने के बावजूद उसे अस्पताल ले जाने के बजाय मोहनलालगंज क्षेत्र के एक गांव में झाड़-फूंक कराने के लिए ले गए।बताया जा रहा है कि वहां झाड़-फूंक करने वाले ने लगभग डेढ़ से दो घंटे तक इलाज का नाटक किया और आश्वासन दिया कि वह सोनी को ठीक कर देगा। इस बीच पीड़िता की हालत लगातार बिगड़ती रही। अंततः जब स्थिति गंभीर हो गई तो परिजन उसे लेकर ट्रामा सेंटर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।सोनी की मौत की खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया। परिवारवालों ने शव को गांव लाकर अंतिम संस्कार कर दिया।मृतका के परिवार की माली हालत पहले से ही खराब बताई जा रही है। उसके पिता सुखराम की तीन वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी थी। मां कृष्णा कुमारी के साथ परिवार में एक छोटी बहन मोनी और दो भाई सूरज व सचिन हैं।बताया जाता है कि सोनी का विवाह कुछ वर्ष पहले हुआ था, लेकिन पति से अनबन के चलते जल्द ही संबंध विच्छेद हो गया था। तभी से वह मायके में रह रही थी।
इस घटना को लेकर गांव में भारी दुख व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर उचित चिकित्सा मिल जाती तो शायद सोनी की जान बच सकती थी। यह मामला झाड़-फूंक जैसी कुप्रथाओं और अंधविश्वास के खिलाफ एक बार फिर चेतावनी बनकर सामने आया है।गांव के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश जैसी घटनाओं में प्राथमिक चिकित्सा और सही जागरूकता को लेकर अभियान चलाया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न दोहराई जाएं।