निगोहां। लखनऊ , निगोहां के उतरावां गांव में चल रही श्रीराम कथा के चतुर्थ दिवस पर भगवान श्रीराम जन्मोत्सव बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। कथा व्यास आचार्य ज्ञानेश त्रिपाठी जी ने भक्तों को भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र एवं गहन आध्यात्मिक संदेशों से अवगत कराया।उन्होंने बताया कि “दसों इंद्रियों को जिसने रथ बनाया वही दशरथ कहलाए। धर्म, निष्ठा और उपासना उनकी तीनों रानियां हैं। जब चौथा पन आया तो भी भगवान प्रकट नहीं हुए, लेकिन संत का मार्गदर्शन मिला। संतों के कहने पर यज्ञ हुआ और खीर से भगवान का प्राकट्य हुआ।आचार्य जी ने समझाया कि खीर में प्रयुक्त तीन तत्व – दूध, चावल और चीनी – जीवन के तीन मूल संदेश देते हैं। दूध ज्ञान का प्रतीक है, चावल कर्म का और चीनी जीवन की मधुरता का। जीवन जितना मधुर होगा, उतनी ही स्पष्टता से भक्ति और भगवान के दर्शन होंगे। उन्होंने कहा कि प्रभु प्रेम के विषय हैं, जहां प्रेम होगा वहीं प्रभु प्रकट होंगे।कथा व्यास ने यह भी बताया कि भगवान ने अपने भक्तों से कहा कि “हम क्या करें, आप बुलाइए तो हम चले आते हैं।” प्रभु की करुणामयी लीलाओं का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग इस चरित्र को गाते या सुनते हैं, वे भगवान के पद को प्राप्त करते हैं और इस संसार रूपी कूप में फिर नहीं पड़ते।कार्यक्रम में अवधी बधाई गीतों और भजनों से पूरा पंडाल गूंज उठा। श्रोताओं ने भक्ति रस में डूबकर अपने जीवन को धन्य बनाया।आयोजन की कमान शैलेंद्र सिंह चौहान ने संभाली, जबकि व्यवस्थापन में प्रेस क्लब निगोहां अध्यक्ष विमल सिंह चौहान की विशेष भूमिका रही। कथा में दूर-दराज से आए ग्रामीणों व महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर कथा का रसपान किया।
