
अमेठी। अक्सर सरकारी स्कूलों पर सवाल खड़े किए जाते हैं, लेकिन प्राथमिक विद्यालय जयलाल दुबे ने यह साबित कर दिया है कि अगर शिक्षक और अभिभावक मिलकर मेहनत करें तो सरकारी स्कूल भी किसी प्राइवेट से कम नहीं।आज आयोजित अभिभावक–अध्यापक बैठक में बड़ी संख्या में अभिभावकगण मौजूद रहे। विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई, उपस्थिति, साफ-सफाई और योजनाओं की पारदर्शिता को लेकर खुला संवाद हुआ। खास बात यह रही कि जिन बच्चों ने नियमित उपस्थिति और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन किया, उन्हें अभिभावकों के सामने पुरस्कृत किया गया। इससे बच्चों का हौसला और भी बुलंद हो गया।प्रधानाध्यापक सिद्धार्थ द्विवेदी ने बताया कि शासन की हर योजना का लाभ बच्चों तक सही समय पर पहुंच रहा है। खासकर डीबीटी, मिड-डे मील, पठन-पाठन सामग्री और साफ-सफाई को लेकर विशेष निगरानी रखी जा रही है।अभिभावक अंकित शुक्ला, अवधेश, लवकुश, रामकिशोर, संतलाल, विजय कुमार, शमीमा बानो, रिहाना बानो, शानवती सहित कई लोगों ने विद्यालय की पढ़ाई और व्यवस्था की सराहना की।यह आयोजन इस बात का सबूत है कि अगर इच्छाशक्ति और ईमानदारी से काम किया जाए तो सरकारी स्कूल भी शिक्षा की नई तस्वीर पेश कर सकते हैं।