बच्चे बड़े होकर बूढ़े हो गए, लेकिन नहीं बना रास्ता……
पुराने खड़ंजे की टूटी ईंटें अब मलबे में तब्दील……..
निगोहां। लखनऊ,गाँव के लोग विकास का सपना कब तक देखेंगे और हकीकत कब बन पाएगा? यह सवाल इन दिनों निगोहां के बाबूखेड़ा से बीरसिंहपुर और भँवरेश्वर को जोड़ने वाले मार्ग की बदहाल तस्वीर को देखकर उठता है। लगभग 1500 मीटर लंबे इस मार्ग के निर्माण की आस लगाए ग्रामीण तीन दशकों से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के वादों पर भरोसा करते-करते अब थक चुके हैं।मार्ग पर कभी खड़ंजा लगा था, लेकिन वर्षों की उपेक्षा ने उसे अब मलबे में बदल दिया। टूटी-फूटी ईंटें और बालू में तब्दील यह रास्ता ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गया है। स्कूली बच्चे, कॉलेज जाने वाले युवा और भँवरेश्वर महादेव मंदिर के श्रद्धालु रोजाना इस रास्ते से गुजरने में जान जोखिम में डालते हैं। आये दिन बाइक और साइकिल सवार गिरकर चोटिल हो रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि मजबूरी में उन्हें 5 से 6 किलोमीटर दूर दूसरे मार्ग से होकर जाना पड़ता है। खेती-किसानी करने वाले किसानों को भी भारी दिक्कत होती है, क्योंकि खेतों तक पहुँचने का यह मुख्य मार्ग ही सबसे निकट था। अब बड़े-बड़े गड्ढों और उखड़ी ईंटों के कारण उनका आवागमन भी प्रभावित हो रहा है।ग्राम प्रधान मुरलीधर का कहना है कि यह मार्ग उनके दायरे में नहीं आता। इसकी जिम्मेदारी ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत और सांसद-विधायक की है। कई बार पत्र भेजे गए,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले तीस वर्षों में न जाने कितने सांसद और विधायक आए और गए, लेकिन किसी ने इस समस्या की सुध नहीं ली।रविवार को बाबूखेड़ा और बीरसिंहपुर के ग्रामीणों ने इस जर्जर खड़ंजे में उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में बीरसिंहपुर के रामलखन, सुरेंद्र कुमार, छत्रपाल, पृथ्वीपाल, ब्रजकिशोर, ग्राम प्रधान मुरलीधर और बाबूखेड़ा के जयसिंह, सतीश, ओमप्रकाश, जमुना प्रसाद, सचिन, विकास समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने कहा कि अगर जल्द ही इस मार्ग का निर्माण नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे ।भँवरेश्वर महादेव मंदिर जाने वाले श्रद्धालु भी इस मार्ग की बदहाली से त्रस्त हैं। हर दिन सैकड़ों भक्त दर्शन के लिए पहुँचते हैं, लेकिन खड्डों और टूटे खड़ंजे से भरे इस रास्ते पर गिरकर चोटिल होना आम बात हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ उनका मुद्दा नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था और सम्मान से भी जुड़ा हुआ मामला है।ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि इस मार्ग का निर्माण उनकी सबसे बड़ी जरूरत है। यह मार्ग बन जाने से उनकी परेशानियाँ खत्म हो जाएँगी और गाँव विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेगा।
