दुकान दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी,पीड़ित ने न्यायालय से लगाई न्याय की गुहार……न्यायालय के आदेश पर पीजीआई पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा….पीजीआई।लखनऊ, पीजीआई क्षेत्र में दुकान दिलाने के नाम पर लाखों रुपये हड़प लेने और रजिस्ट्री न करने का गंभीर मामला सामने आया है। आलमबाग निवासी एक व्यापारी ने पूरे प्रकरण की शिकायत पुलिस अधिकारियों से की, लेकिन कार्रवाई न होने पर उसने अब अदालत का दरवाजा खटखटाया है।मिली जानकारी के मुताबिक, आलमबाग के स्नेहनगर निवासी विनय कुमार पुत्र सुरेशचंद्र की मुलाकात परिचित अमित चौहान के जरिए रवीन्द्र कुमार उर्फ रवीन्द्र निगम निवासी साई सिटी रोड लखनऊ से हुई थी। बातचीत के दौरान रवीन्द्र ने खुद को कई दुकानों का मालिक बताते हुए बताया कि उसकी पत्नी सीमा निगम के नाम पर दुकानें हैं, जिनमें से एक वह बेच सकता है।इस पर दोनों के बीच बीते 22 मार्च 2022 को समझौता हुआ। दुकान संख्या-14, जो भूखण्ड संख्या-7 खसरा संख्या-274 पर तहसील बहसौली, परगना तहसील व जिला-लखनऊ क्षेत्र में स्थित है, उसी को बेचने बिकवाने का सौदा तय हुआ। दुकान की कीमत 18 लाख रुपये तय की गई थी। सौदे के तहत विनय कुमार ने अलग-अलग किस्तों में 9 लाख रुपये बैंक ट्रांजेक्शन के माध्यम से और 5 लाख रुपये नगद सहित कुल 14 लाख रुपये आरोपी रवीन्द्र को अदा किए।आरोप है कि इतनी बड़ी रकम लेने के बावजूद रवीन्द्र कुमार ने दुकान की रजिस्ट्री नहीं कराई। जब-जब पीड़ित ने रजिस्ट्री कराने की बात कही, तब-तब आरोपी टालता रहा। हालात यहां तक पहुंच गए कि बीते 24 मार्च 2025 को जब विनय कुमार ने रजिस्ट्री कराने के लिए फोन किया तो आरोपी ने गाली-गलौज करते हुए धमकी दी और अपने घर से भगा दिया।पीड़ित का आरोप है कि रवीन्द्र अपनी दबंगई दिखाते हुए अक्सर उसे डराने-धमकाने का काम करता है। इतना ही नहीं, आरोपी अपनी पत्नी सीमा निगम और सहयोगी अमित चौहान के साथ मिलकर दबाव बनाने का काम करता रहा। अमित खुद को मीडिया प्रभारी बताता है और आए दिन कार्यालय पर पहुंचकर गाली-गलौज करता है।पीड़ित ने बताया कि उसने बीते 23 नवंबर 2024 को पीजीआई, थाने में प्रार्थना पत्र दिया था। इसके अलावा पुलिस आयुक्त लखनऊ और जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। पुलिस की निष्क्रियता से निराश होकर अब उसने न्यायालय की शरण ली है।न्यायालय में दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़ित ने निवेदन किया है कि संबंधित पीजीआई थाने को आदेशित कर उसकी रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।दुकान खरीद-फरोख्त का सौदा 18 लाख में तय हुआ था।पीड़ित ने 14 लाख रुपये आरोपी को अलग-अलग किस्तों में दिए।रजिस्ट्री न कर रकम हड़पने और धमकाने का आरोप।पुलिस को दी गई कई शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं। पीड़ित ने कहा अब अब न्यायालय से ही न्याय की उम्मीद है।
