मोहनलालगंज,लखनऊ।महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत सोमवार को अंबालिका इंस्टिट्यूट,मोहनलालगंज में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्राओं एवं महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सहायक पुलिस आयुक्त श्री रजनीश वर्मा तथा प्रभारी निरीक्षक मोहनलालगंज श्री डी.के. सिंह ने छात्राओं को महिला सुरक्षा से जुड़े तमाम पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। पुलिस टीम ने उपस्थित छात्राओं को हेल्पलाइन नंबर जैसे 1076, 1090, 181, 112, 1930 और 102 की उपयोगिता और आवश्यकता पड़ने पर इनके सही इस्तेमाल की विधि बताई।एसीपी रजनीश वर्मा ने महिला सशक्तिकरण, महिला हेल्प डेस्क, पिंक बूथ, महिला सुरक्षा केंद्र एवं साइबर अपराधों से बचाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर छात्राओं को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन लगातार महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता के लिए संकल्पित है और छात्राओं को किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी थाने से संपर्क करना चाहिए।गोष्ठी में विशेष रूप से डीपफेक तकनीक और उससे होने वाले दुष्प्रभावों पर विस्तृत चर्चा हुई। पुलिस अधिकारियों ने समझाया कि किस प्रकार आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग कर नकली वीडियो या ऑडियो तैयार किए जाते हैं और उन्हें ब्लैकमेलिंग अथवा आर्थिक धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। छात्राओं को डीपफेक की पहचान करने के उपाय, संदिग्ध सामग्री की सूचना पुलिस को देने की प्रक्रिया तथा स्वयं को सुरक्षित रखने की सावधानियां विस्तार से बताई गईं।इसके साथ ही साइबर फ्रॉड, ऑनलाइन धोखाधड़ी, सोशल मीडिया पर गलत मित्रता के खतरे और डिजिटल सुरक्षा उपायों की भी जानकारी दी गई। अधिकारियों ने छात्राओं से अपील की कि वे तकनीकी युग में सजग रहते हुए अपने निजी डाटा और अकाउंट की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।कार्यक्रम के दौरान उपस्थित छात्राओं एवं महिलाओं ने अधिकारियों की पहल की सराहना की। कॉलेज की छात्रा अंजलि ने कहा कि “आज हमें डीपफेक जैसी तकनीक के खतरे और उससे बचने के उपायों के बारे में सही जानकारी मिली। पहले हम केवल नाम सुनते थे, लेकिन अब हमें समझ आया कि यह कितना खतरनाक हो सकता है।” वहीं दूसरी छात्रा रीना ने बताया कि “हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी हम सबके लिए बेहद उपयोगी है, अब अगर कभी कोई समस्या आती है तो तुरंत सहायता प्राप्त की जा सकती है।छात्राओं ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों को समय-समय पर आयोजित किए जाने की मांग की। महिलाओं ने भी कहा कि ऐसे आयोजन से आत्मविश्वास बढ़ता है और समाज में सुरक्षा की भावना मजबूत होती है।
