निगोहां।लखनऊ,निगोहां क्षेत्र के करनपुर प्राथमिक विद्यालय में शनिवार को हुए पेड़ गिरने की घटना के बाद आखिरकार प्रशासन हरकत में आ गया है। ग्रामीणों और अभिभावकों के कड़े विरोध के बाद सोमवार को विद्यालय परिसर में खड़े जर्जर पेड़ों की कटान शुरू कर दी गई। प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए पहले ही दिन पांच यूकेलिप्टस के पुराने पेड़ों को काटा गया।गौरतलब है कि बीते शनिवार को विद्यालय परिसर में करीब 35 वर्ष पुराना यूकेलिप्टस का पेड़ अचानक गिर गया था। उस समय स्कूल में बच्चे कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे थे। पेड़ गिरते ही अफरा-तफरी मच गई और बच्चे किसी तरह बच पाए। इस घटना के बाद अभिभावक आक्रोशित हो उठे और विद्यालय परिसर में पहुंचकर हंगामा किया। उन्होंने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों पुराने जर्जर पेड़ विद्यालय परिसर में बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं, बावजूद इसके इन्हें हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।अभिभावकों ने एहतियात के तौर पर अपने बच्चों को स्कूल भेजने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक पेड़ नहीं काटे जाएंगे, तब तक वे बच्चों को विद्यालय नहीं भेजेंगे। इसी के चलते सोमवार को स्कूल में एक भी बच्चा नहीं पहुंचा।ग्रामीणों की शिकायत पर अभिभावकों का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से भी मिला। जिलाधिकारी के निर्देश पर रविवार को एसडीएम मोहनलालगंज पवन पटेल और वन क्षेत्राधिकारी सुरभि श्रीवास्तव टीम के साथ विद्यालय पहुंचे। उन्होंने मौके पर पेड़ों की स्थिति का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने बताया कि ये पेड़ लगभग 35 वर्ष पुराने हैं और किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।निरीक्षण के बाद एसडीएम ने वन विभाग की टीम को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिसके बाद सोमवार दोपहर बाद स्कूल परिसर में पेड़ों की कटान का कार्य शुरू कर दिया गया। पहले दिन पांच यूकेलिप्टस के पेड़ काटे गए, जबकि शेष पेड़ों की कटान मंगलवार को की जाएगी।कटान शुरू होते ही ग्रामीणों और अभिभावकों में राहत की लहर दौड़ गई। अभिभावक राजेश कुमार, सुनील वर्मा और संगीता देवी ने कहा कि अब उनके बच्चे सुरक्षित वातावरण में पढ़ सकेंगे। उन्होंने प्रशासन और वन विभाग की तत्परता की सराहना की।वहीं एबीएसए सुशील कन्नौजिया ने बताया कि विद्यालय परिसर में जर्जर पेड़ों की पहचान कर कटान शुरू कर दी गई है। सुरक्षा की दृष्टि से कटान कार्य पूरा होने तक विद्यालय बंद रहेगा।इस घटना ने शिक्षा विभाग को भी सतर्क कर दिया है। अब अन्य विद्यालय परिसरों में भी जर्जर पेड़ों की सूची बनाकर कार्रवाई करने की तैयारी शुरू की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की कोई दुर्घटना न हो।
