मोहनलालगंज/लखनऊ। बिजनौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बलसिंह खेड़ा गांव में भूमि कब्जे से जुड़ा एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गाँव के ही कुछ लोगों पर मृतक नन्हकऊ के नाम से फर्जी वसीयत तैयार कर जमीन हड़पने का आरोप लगा है। पीड़ित विनय कुमार, पुत्र रामलखन, निवासी बलसिंह खेड़ा ने दक्षिणी डीसीपी को शिकायती पत्र देकर पूरे प्रकरण की उच्च-स्तरीय जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है।
मृतक के नाम से तैयार की गई मनगढ़ंत वसीयत, राजस्व अभिलेखों में नहीं मिला कोई रिकॉर्ड……
शिकायत के अनुसार, बलसिंह खेड़ा की रहने वाली श्रीमती आशीष कुमारी उर्फ राजरानी, उनके पुत्र मुन्ना लाल बाबू, राजेन्द्र, तथा दामाद पुनीत कुमार यादव पर आरोप है कि उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए मृतक नन्हकऊ के नाम से एक कृत्रिम व फर्जी वसीयत तैयार कर दी।
पीड़ित विनय कुमार का कहना है कि राजस्व विभाग के रजिस्टर संख्या 62, पृष्ठ 7172, दस्तावेज संख्या 84 में मृतक नन्हकऊ की कोई भी वसीयत दर्ज नहीं है। इसके बावजूद आरोपियों ने दस्तावेजों में हेरफेर कर एक नकली वसीयत तैयार कर उसे असली बताने का प्रयास किया, ताकि पीड़ित और उसके भाई विकास यादव की पैतृक भूमि पर अवैध कब्जा किया जा सके।
धोखाधड़ी और जालसाज़ी का संगठित मामला बताया..…..
पीड़ित ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला एक संगठित धोखाधड़ी है, जिसमें मृत व्यक्ति का नाम इस्तेमाल कर जालसाज़ी की गई है। शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों द्वारा प्रस्तुत किया गया दस्तावेज पूरी तरह मनगढ़ंत है और किसी भी राजस्व रिकॉर्ड में उसकी पुष्टि नहीं होती।विनय कुमार ने डीसीपी दक्षिणी से अनुरोध किया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना बिजनौर को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो सके। उन्होंने अपनी शिकायत के साथ सीसीटीएनएस पोर्टल पर दर्ज तहरीर की कॉपी भी संलग्न की है, जिसे संबंधित अधिकारी द्वारा सत्यापित किया गया है।
ग्रामीणों में चर्चा का विषय, न्याय की उम्मीद…….
गांव में यह मामला तेजी से चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि मृतक की वसीयत से छेड़छाड़ कर जमीन हड़पना बेहद गंभीर अपराध है और यदि ऐसे मामलों पर समय रहते कार्रवाई न की गई तो भविष्य में और भी लोग ऐसी धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं।
स्थानीय लोग पुलिस विभाग से त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि दोषियों को सजा मिले और पीड़ितों को न्याय मिल सके।
