
भगवान परशुराम ने शास्त्र से समाज को आपसी भाईचारे को बढ़ाने का मंत्र दिया है, जो शास्त्र नहीं समझ सकते, उन्हें शस्त्र विद्या का महत्व भी समझाया : शैलेन्द्र अग्निहोत्री
रायबरेली।
अक्षय तृतीया के पावन अवसर
श्री भगवान विष्णु जी के छठवें अवतार भगवान राम ने माता रेणुका के पांचवे पुत्र के रूप में जन्म लिया। भगवान शिव कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने परशु भेंट किया। उक्त विचार सागरा पीठाधीश्वर मौनी महाराज एवं जयपुर से पधारी महामंडलेश्वर डॉ अनीता योगेश्वरी गिरी जी के द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने वृत्तांत में कहा गया। कार्यक्रम में शैलेन्द्र अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान समय में भगवान परशुराम के आदर्शों एवं सिद्धांतों का पालन करने की आवश्यकता है।
आज समाज मे बढ़ रही बुराइयों का समाधान परशुराम के आदर्शों और पदचिह्नों पर चलकर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम ने शास्त्र से समाज को आपसी भाईचारे को बढ़ाने का मंत्र दिया है। यही नहीं उन्होंने जो शास्त्र नहीं समझ सकते, उन्हें शस्त्र विद्या का महत्व भी समझाया है।
श्री परशुराम ब्रह्म चेतना परिषद उत्तर प्रदेश के द्वारा आयोजित भगवान परशुराम जन्मोत्सव कार्यक्रम रिफॉर्म क्लब लान में बहुत धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ब्रह्म समाज व सर्व समाज उपस्थित रहा। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष पंडित राकेश तिवारी एवं मंडल अध्यक्ष राजेंद्र अवस्थी ने महाराज श्री का अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसी क्रम में पंकज मिश्रा,शैलेंद्र अग्निहोत्री, योगेश मिश्रा ने महामंडलेश्वर अनीता योगेश्वरी जी को अंग वस्त्र पुष्प माला भेटकिया। कार्यक्रम में भगवान परशुराम जी की आरती पूजन मंडल अध्यक्ष राजेंद्र अवस्थी वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंटू शुक्ला मैं विधि विधान पूरक किया। संजय अवस्थी ने लोक गायिका सृष्टि पांडे को सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशाल भंडारे का भी आयोजन हुआ जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर मोनू तिवारी, शैलेंद्र अग्निहोत्री, राकेश तिवारी एडवोकेट, संजय अवस्थी, विशाले तिवारी, शिव सहाय शुक्ला, सुधा अवस्थी, प्रियंका अवस्थी, कुसुम अवस्थी, शोभना पांडे, सुमित तिवारी, राजन दीक्षित, अनूप मिश्रा, शेखर शुक्ला आदि उपस्थित रहे।