
सिंहपुर (अमेठी)। पन्हौना गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवाचक अजय शास्त्री ने श्रद्धालुओं को शिशुपाल चरित्र व सत्संग के बारे में विस्तार से बताया। प्रवाचक ने बताया कि किस प्रकार अहंकार, द्वेष और ईर्ष्या जैसे दुर्गुण व्यक्ति को पतन की ओर ले जाते हैं। शिशुपाल का जीवन इसका उदाहरण है।उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण का बार-बार अपमान किया, किंतु श्रीकृष्ण ने धैर्य रखा और अंततः जब सीमा पार हुई तो सुदर्शन चक्र से उसका अंत कर दिया गया। ईश्वर सहनशील हैं, परंतु अधर्म को अनंत काल तक नहीं सहते है।सत्संग के पुण्य का महत्व बताते हुए कहा कि सत्संग ही वह माध्यम है, जो जीव को अज्ञानता से ज्ञान की ओर, मोह सिंहपुर के पन्हौना गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सुनते श्रद्धालु।स्रोत-आयोजक से मोक्ष की ओर और सांसारिक बंधनों से भक्ति की ओर ले जाता है। सज्जनों की संगत आत्मा को शुद्ध करती है। इस दौरान मुख्य यजमान विजय नारायण शुक्ल, भरत मिश्र, रामजी, मुन्नू तिवारी आदि मौजूद रहे।