मोहनलालगंज, लखनऊ।मोहनलालगंज पुलिस ने एक ऐसे संगठित आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो कूटरचित दस्तावेज तैयार कर और फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी करने में संलिप्त था। पुलिस आयुक्त लखनऊ के अनुमोदन के बाद तैयार गैंग चार्ट के आधार पर इस गैंग के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।गिरोह का सरगना प्रमोद कुमार उपाध्याय पुत्र स्व. हरिद्वार उपाध्याय है, जो मूल रूप से राजागांव खरौनी, थाना बांसडीह, जनपद बलिया का निवासी है और इस समय ओमेक्स सिटी, थाना बिजनौर, लखनऊ में रहता है।
गैंग के अन्य सदस्य विनोद कुमार उपाध्याय पुत्र स्व. हरिद्वार उपाध्याय,मदन राम पुत्र स्व. विश्वनाथ राम, ओंकारनाथ पाण्डेय पुत्र कृष्णानन्द पाण्डेय,सीमा उपाध्याय पत्नी प्रमोद कुमार उपाध्याय है।पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ये सभी आरोपी मिलकर एच.के. इन्फ्राविजन कंपनी के नाम से एक फर्जी संस्थान चला रहे थे। आरोपियों ने कंपनी के नाम पर कई थाना क्षेत्रों में किसानों से भूमि खरीदी और आवासीय योजना के नाम पर सेवारत एवं सेवानिवृत्त आर्मी कर्मियों सहित कई लोगों को प्लॉट देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की।थाना प्रभारी दिलेश कुमार सिंह के अनुसार, यह गिरोह एक संगठित आपराधिक नेटवर्क के रूप में कार्य कर रहा था और अन्तर्जनपदीय स्तर पर सक्रिय था। इनकी आपराधिक गतिविधियों के चलते आम नागरिकों में भय का वातावरण व्याप्त था। कोई भी व्यक्ति इनके विरुद्ध गवाही देने से डरता था।थाना प्रभारी दिलेश कुमार सिंह के मुताबिक, गैंग के खिलाफ आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, इनके आर्थिक स्रोतों और संपत्तियों की जांच की जा रही है ताकि ठगी का पूरा नेटवर्क उजागर किया जा सके।
पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई से उन फर्जी बिल्डरों और बिचौलियों को भी कड़ा संदेश मिला है जो भोलेभाले लोगों को आवासीय योजनाओं के नाम पर लूटने का काम करते हैं।यह मामला अब पुलिस की प्राथमिकता सूची में है और जल्द ही गैंग की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।
