
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के पीजीआई कोतवाली क्षेत्र के गांव का युवती से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है जहां पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद भी नहीं की कोई कार्यवाही। युवती और उसके परिवार को मुकदमा वापस लेने की मिल रही धमकियां।क्या है पूरा मामला- राजधानी के पीजीआई कोतवाली के अंतर्गत आने वाले एक गांव में दबंग युवक के द्वारा युवती से छेड़छाड़ किए जाने और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है दरअसल घटना 6 अक्टूबर की है जब रोहित पांडे नामक युवक शराब के नशे में धुत होकर युवती के घर के बाहर पेशाब करने लगा तब युवती ने और उसके परिजनों ने इसका विरोध किया जिसके बाद नशे में दूध युवक ने युवती से छेड़छाड़ और मारपीट करने की कोशिश की। परिजनों ने जब इसकी शिकायत पीजीआई कोतवाली के अंतर्गत आने वाली काली पश्चिम चौकी में की तो पुलिस वालों ने मामले को टाल दिया और सुलह का दबाव बनाने लगे। वही पीड़ित परिजन जब एसीपी के पास पहुंचे तो एसीपी की फटकार के बाद कोतवाली में मामला दर्ज हुआ।पुलिस पर गंभीर आरोप- पीड़िता और उसकी मां ने बताया कि 10 अक्टूबर 2024 को एसीपी की फटकार के बाद एसजीपीजीआई कोतवाली में मामला दर्ज तो पुलिस ने कर लिया लेकिन अभी तक ना तो पीड़िता का मेडिकल हुआ है और ना ही धारा 164 के अंतर्गत कोई बयान पीड़िता का दर्ज कराया गया है। इतना ही नहीं पीड़िता और उसकी मां ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद से एक बार भी पुलिस वाले इंक्वारी करने तक घर नहीं पहुंचे वहीं आए दिन दबंग युवक और उसके साथी पीड़िता और उसके परिवार वालों को मामले को खत्म करके शिकायत वापस लेने की धमकी दे रहे हैं ऐसा न करने पर जान से मारने की भी परिवार को धमकी मिल रही है।वहीं पीड़िता के पड़ोस में रहने वाले अतुल अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि देर शाम उन्होंने शोर की आवाज सुनी तो वह बाहर निकले और देखा कि रोहित पांडे पीड़ित युवती के साथ वात्सलु की कर रहा था जिसका विरोध करने पर उन्हें भी पीड़ित आए दिन जान से मारने की धमकी दे रहा है। बताते चलें यह घटना कोई पहेली नहीं जिसमें पुलिस की ढीला हवाली की वजह से पीड़ित व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बीते दिनों इसी एसजीपीजीआई कोतवाली के रेवतापुर गांव में दबंग सड़ ने लड़की से छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी जिसके विरोध में लड़की ने जब आवाज उठाई तो उसकी बुरी तरह से मारा पीटा कई दिनों तक घायल युवती का लखनऊ के कमांड हॉस्पिटल में इलाज भी चला।भले ही एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के दावे और वादे कर रही हो लेकिन हकीकत के आईने में सच्चाई की तस्वीर कुछ और ही कहानी बयां कर रही है अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि सत्ता के शीर्ष कहे जाने वाले राजधानी लखनऊ में जब शोहदो के हौसले इतने बुलंद हैं तो बाकी प्रदेश के गांव और गलियों का क्या हाल होगा।बाइट- पीड़िताबाइट- पीड़िता की माँबाइट- अतुल अवस्थी (पड़ोसी)