
दबंगों ने उखाड़ा ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी धन से लगवाया गया इंटरलॉकिंग खडंजा
बीडीओ स्तर से नहीं मिला न्याय,ग्राम प्रधान ने तहसील दिवस में पहुंचकर लगाई न्याय की गुहार
सब कुछ जानकर भी अंजान बन सिर्फ और सिर्फ तमाशाई की भूमिका में नजर आ रहे जिम्मेदार
सरेनी(रायबरेली)।कहते हैं कि गांव के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है।जहां एक तरफ सूबे की योगी सरकार गांव के चौमुखी विकास के लिए कटिबद्ध नजर आ रही है।वहीं दूसरी तरफ गांव के ही कुछ असमाजिक व शरारतीतत्व गांव के विकास में बाधक बने हुए हैं और योगी सरकार के चौमुखी विकास को खुलेआम चुनौती देते नजर आ रहे हैं और जिम्मेदार हैं कि सब कुछ जानकर भी अंजान बने हुए हैं और सिर्फ और सिर्फ तमाशाई की भूमिका में नजर आ रहे हैं।जिम्मेदार ऐसे शरारतीतत्वों पर कार्यवाही तो दूर मामले की जांच तक भी करना या कराना मुनासिब नहीं समझते हैं।एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है,जहां ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी धन से शासन प्रशासन की मौजूदगी में सार्वजनिक रास्ते में इंटरलॉकिंग खड़ंजा लगवाया गया था।आरोप है कि गांव के ही कुछ शरारतीतत्वों ने दो दिन बाद 15-20 बाहरी शरारतीतत्वों को बुलाकर शासन प्रशासन को खुलेआम चुनौती देते हुए ग्राम प्रधान द्वारा लगवाए गए इंटरलॉकिंग खडंजे को उखाड़ फेंका।इस बाबत उन्हें सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने का जरा सा भी भय नहीं रहा।वहीं जब ग्राम प्रधान द्वारा इसका विरोध किया गया तो समूह में आए शरारतीतत्व गालीगलौज कर मारपीट पर आमादा हो गए।मामला विकास खंड़ सरेनी स्थित ग्राम पंचायत रायपुर का है।जानकारी के मुताबिक ग्राम प्रधान मोहनलाल पुत्र स्व. रामआसरे द्वारा ग्राम पंचायत रायपुर में बाबू शुक्ला के दरवाजे से राजकुमार गौड़ के दरवाजे तक सरकारी धन से इंटरलॉकिंग खडंजा निर्माण का कार्य कराया गया था।ग्राम प्रधान का आरोप है कि गांव के ही सुरेंद्र कुमार शुक्ला,रावेन्द्र कुमार शुक्ला पुत्रगण स्व. प्रेमसागर शुक्ला,मनोज,संतोष उर्फ धीरु पुत्रगण शिवानंद मिश्रा आदि 15-20 अज्ञात लोगों के साथ बीती 25 फरवरी की शाम लगभग साढ़े 5 बजे लाठी डंडा व फावड़ा लेकर आए और इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य को उखाड़ कर फेंक दिया,जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ है।वहीं मेरे द्वारा जब सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोका गया तो दबंगों द्वारा गालीगलौज व मारपीट की गई,साथ ही साथ मुझे व मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई है,जिससे मेरा पूरा परिवार दहशत में है।वहीं ग्राम प्रधान द्वारा बीती 27 फरवरी को पूरे मामले की जानकारी लिखित में खंड़ विकास अधिकारी को दी गई है बावजूद खंड़ विकास अधिकारी की तरफ से अभी तक कोई भी प्रभावी विधिक कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है,जो कि खंड़ विकास अधिकारी की उदासीनता व शिथिलता को दर्शाती है।वहीं ब्लॉक मुख्यालय के मुखिया से न्याय न मिलता देख थक हार कर ग्राम प्रधान मोहनलाल ने शनिवार को तहसील दिवस में शिकायती पत्र देते हुए मनबढ़ दबंगों के खिलाफ विधिक कार्यवाही करते हुए मुकदमा पंजीकृत कराये जाने की गुहार लगाई है।अब देखना अहम होगा कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले शरारती तत्वों पर कब व किस प्रकार की कार्यवाही अमल में लाई जाती है,यह तो आने वाला समय ही बताएगा।फिलहाल सरकारी कार्य में बाधक बन सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद भी कार्यवाही न होने से आरोपी दबंगों के हौंसले बुलंद हैं।
“मामला संज्ञान में आया है।सरेनी पुलिस को मुकदमा पंजीकृत करने व खंड विकास अधिकारी को रिकवरी के लिए निर्देशित किया गया है।”
मिथिलेश त्रिपाठी,एसडीएम लालगंज,रायबरेली