
लालगंज/रायबरेली –
आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना भारत की सबसे उन्नत कोच निर्माण इकाइयों में से एक है। यहाँ स्टेट-ऑफ-द-आर्ट टेक्नोलॉजी रोबोटिक और ऑटोमेटेड असेंबली लाइन, ऑटोमेटेड व्हील लाइन और स्मार्ट कोच टेक्नोलॉजी के द्वारा कोचों का उत्पादन किया जा रहा है । एमसीएफ न सिर्फ यात्रियों के सफर को आरामदायक बना रहा है साथ ही साथ आस-पास के गॉवों के नवयुवको को रोजगार प्रदान कर इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को गति भी प्रदान कर रहा है।
2014 में प्रधानमंत्री जी के ‘‘मेक इन इण्डिया‘‘ के आवाह्न के बाद इस कारखाने ने कोच उत्पादन में रफ्तार पकड ली जहाँ 2014 तक सिर्फ 358 कोच बने थे। वहीं 2015 से 2024 तक 13000 कोच राष्ट्र को समर्पित किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में एमसीएफ ने 1684 कोच बनाएं थे, यह वित्तीय वर्ष 2023-24 के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक था।
आरेडिका ने अपने पिछले वर्ष के कुल कोच उत्पादन 1684 को इस वर्ष फरवरी माह में पीछे छोड़ते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक 1781 कोच तैयार कर सर्वाधिक कोच उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। इस वर्ष बनने वाले कोचों में 90 प्रतिशत कोच सामान्य एवं गरीब वर्ग को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं जिससे वे सुविधाजनक एवं आरामदायक यात्रा कर सकें। आरेडिका ने इस वर्ष 2000 शेल , 3000 कोच सेट व्हील एवं एक्सल असेंव्ली तथा 2000 एलएचबी बोगी कोच सेट का निर्माण किया गया।
आत्मनिर्भर भारत के सफर में अपने उत्कृष्ट उत्पादों एवं अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान देकर रेलवे के कोच निर्माण के संकल्प को सिद्धि तक पहुँचाया है। आरेडिका ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार वृद्धि करते हुए 3.92 मेगावाट की क्षमता प्राप्त कर ली है। आरेडिका एलएचवी एवं लोको व्हीलों का उत्पादन कर रहा है फोर्ज्ड व्हीलों के लिए इस वर्ष आरेडिका को 35000 फोर्ज्ड व्हीलों के उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। जिसके सापेक्ष में 36000 से अधिक पहियों की फोर्जिंग एवं 33000 से अधिक पहियों की मशीनिंग की जा चुकी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए इस वर्ष 53,000 वृक्षों एवं 152000 बीजों का रोपण किया गया। 100 मिलियन लीटर भू-जल संरक्षण का कार्य प्रगति पर है। आरेडिका रायबरेली एवं इसके आसपास के सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को भी व्यापार के अवसर प्रदान कर रहा है। आरेडिका में शताब्दी, राजधानी, दीनदयालु, एसी इकॉनोमी, स्लीपर, हमसफर, भारत गौरव, निरीक्षण कोच, मेमू और तेजस आदि के कोचों का निर्माण सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इस वर्ष सेमी हाई स्पीड वन्देभारत ट्रेनो के डिब्बें का भी निर्माण होने जा रहा है। चाहे राष्ट्रीय सेवाओं का विस्तार हो या अन्तराष्ट्रीय बाजार में बढती भागीदारी, एमसीएफ निरन्तर सफलता के नये मानक स्थापित कर रही है। इसी के तहत एमसीएफ ने मोजाम्बिक रेलवे के लिए भी 100 कोच निर्माण किए हैं। एमसीएफ का लक्ष्य आने वाले समय में भारत को रेल कोच निर्माण में एक ग्लोबल हब बनाना है।