
गेंगासों गंगातट पर किया गया अंतिम संस्कार
साहित्यिक ढंग से आल्हा गायन के लिए मशहूर थे कलदार सिंह
साहित्य संगीत कला क्षेत्र के लोगों में गहरा शोक
सरेनी(रायबरेली)।समाजसेवी,शिक्षक एवं आल्हा गायक कलदार सिंह का बुधवार को निधन हो गया।वे 76 वर्ष के थे।उनका अंतिम संस्कार बुधवार को गेंगासों गंगातट पर किया गया।मुखाग्नि उनके पुत्र मनीष सिंह ने दी।वे साहित्यिक ढंग से आल्हा गायन में मशहूर थे।उन्हें स्कूल,कालेजों में आल्हा गायन के लिये खासतौर से बुलाया जाता था।बुद्धि जीवी वर्ग उनके आल्हा गायन से आनंदित होते थे।वे 2010 में कतिकहा प्राथमिक विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए।वे जीवन भर साइकिल से ही सफर करते रहे।वे क्षेत्र की हर सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेते थे।वे अपने पीछे दो पुत्र व दो पुत्रियों को छोड़ गये हैं।उनके निधन की खबर मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई व उनके अंतिम दर्शन हेतु घर में तांता लग गया।शोक व्यक्त करने वालों में पूर्व विधायक अशोक सिंह,डॉ अंजनी कुमार अग्निहोत्री (प्रबंधक-आदि शक्ति मां भक्त सुरेश सेवा संस्थान कोरवां,बिठूली),शैलेश त्रिवेदी (वरिष्ठ अधिवक्ता),शैलेन्द्र अग्निहोत्री (वरिष्ठ समाजसेवी,पूर्व कनिष्ठ ब्लॉक प्रमुख सरेनी),जितेन्द्र सिंह,सुधीर अग्निहोत्री (पत्रकार),प्रभात सिंह त्रिलोकचंदी,सुबोध बाजपेई,दिवाकर मिश्रा (निवर्तमान भाजपा मंड़ल अध्यक्ष),सुनील सरगम,देश दीपक सोनी (प्रधान,काल्हीगांव),गुड्डू सिंह,राजेश प्रताप सिंह,रवी त्रिपाठी,भल्ला सिंह,बीरेन्द्र सिंह,ऊषा सिंह,दिव्या सिंह,विजय शंकर त्रिपाठी (बैद्य जी),राममोहन,नीरज आदि शामिल रहे।