गिरफ्तार पशु तस्करों को भेजा गया जेल
डीसीएम में 74 छोटे बड़े मवेशी हुए बरामद
सरेनी(रायबरेली)।बुधवार की शाम को पुलिस ने गेगासो पुल के पास मवेशियों से भरा डीसीएम पकड़ लिया और जब डीसीएम का तिरपाल खुलवाया तो उसमें 74 मवेशी ठूंस ठूंस कर भरे मिले।कुछ घायल भी थे।पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर गुरुवार को जेल भेज दिया है।मवेशियों को रैन बसेरे में रखा गया है।कोतवाल शिवाकांत पांडेय ने बताया कि बुधवार की शाम को गेगासो चौकी इंचार्ज मान सिंह पुलिस बल के साथ गेगासो गंगा पुल के पास वाहन चेकिंग कर रहे थे।तभी फतेहपुर की ओर से एक डीसीएम संख्या यूपी 71 बीटी 0891 आता दिखाई पड़ा।पुलिस ने चालक को हाथ के इशारे से रुकने को कहा तो उसने वाहन रोक दिया।पुलिस ने डीसीएम का जब तिरपाल खुलवाया तो उसमें 74 पड़वा (भैंस के बच्चे) ठूंस ठूंस कर भरे मिले।पुलिस वाहन को चौकी लाई और मवेशी उतरवाया उसमें कई घायल मिले।पुलिस ने वाहन में बैठे तीन लोगों से नाम पता पूछा तो क्रमशः रिहान 30 वर्ष पुत्र बस्सन निवासी मोहल्ला अयोध्या बाजार कस्बा व थाना हथगांव जिला फतेहपुर,मोबीन उम्र 40 वर्ष पुत्र अब्दुल निवासी ग्राम करारी थाना करारी जिला कौशांबी व यहीं का रहने वाला शहाबुद्दीन 42 वर्ष पुत्र अब्दुल करीम बताया।आरोपियों ने बताया कि वह मवेशियों को कौशांबी से बाराबंकी ले जा रहे थे।पुलिस ने तीनों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर गुरुवार को जेल भेज दिया है।
तो क्या स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से पिछले कई महीनों से चल रहा था पशु तस्करी का खेल…?
रायबरेली जनपद के सरेनी थाना क्षेत्र में पशु तस्करी का बड़ा भंडाफोड़ हुआ है।सूत्रों की मानें तो सरेनी कोतवाली क्षेत्र के गेगासों गंगा पुल से अवैध तरीके से पशुओं से लदे ट्रकों को पास कराया जा रहा था,जिसमें स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से यह पशु तस्करी का खेल पिछले कई महीनों से चल रहा था।स्थानीय लोगों ने बुधवार को एक संदिग्ध डीसीएम ट्रक को रोक लिया,जिसके बाद बड़ा खुलासा हुआ।डीसीएम ट्रक में 74 छोटे छोटे मवेशी लदे थे।लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस पहुंची।लोगों के विरोध के बाद डीसीएम ट्रक को कब्जे में लिया गया।जब मवेशियों को नीचे उतारा गया तो कई के पैर टूटे हुए थे और कई की हालत खराब थी।पुलिस ने गंगा घाट पर बने रैन बसेरे में सभी मवेशियों को बंद कर दिया।अवैध तरीके से ट्रक में भरकर पशुओं की तस्करी की जा रही थी।लोगों में चर्चा है कि काफी समय से पुलिस की मिलीभगत से यह अवैध खेल चल रहा था।अब क्या सच क्या झूंठ यह जिले के उच्चाधिकारियों की जांच का विषय है।
