
एम्स रायबरेली में 17 सितंबर 2025 का दिन हलचल भरा रहा। एम्स रायबरेली की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता, एसएम (सेवानिवृत्त) के मार्गदर्शन में संस्थान में केंद्र सरकार के कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा रहा है। संस्थान के लिए गौरव का विषय है कि उनके नेतृत्व में संस्थान को एनएबीएच (NABH) से प्राथमिक मान्यता प्राप्त हो चुकी है। एम्स रायबरेली अब यह मान्यता प्राप्त करने वाले चुनिंदा अस्पतालों में शामिल हो चुका है।

आज के कार्यक्रमों में सुबह 9:00 बजे भगवान विश्वकर्मा के पूजन से इसकी शुरुआत हुई। श्री सूरज कु. विश्वकर्मा, सहायक अभियंता के पर्यवेक्षण में अभियांत्रिकी विभाग ने पुराने ओपीडी परिसर में संस्थान के गणमान्यों की उपस्थिति में उत्साह एवं उल्लास के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा संपन्न की तथा प्रसाद वितरण कराया। 10:00 बजे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ऐतिहासिक पहल “स्वस्थ नारी सशक्त परिवार” पखवाड़े का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। डीन (अकादमिक) प्रो. नीरज कुमारी ने अपने संभाषण में मुख्य अतिथि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से प्रबंधन विज्ञान विभाग की प्रो. वीणा बंसल का परिचय कराया। मुख्य अतिथि महोदया ने अपने व्यक्तव्य में स्त्रियों और पुरुषों के पारस्परिक खुशी और पारस्परिक समृद्धि के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पारस्परिक खुशी और पारस्परिक समृद्धि मानव अस्तित्व के दो मूलभूत लक्ष्य हैं, जिन्हें स्वयं की संतुलित समझ, दुनिया के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध और भौतिक सुविधाओं के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम का समापन अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरज कु. श्रीवास्तव के धन्यववाद प्रस्ताव के साथ हुआ। कार्यक्रम में डीन (अनुसंधान) डॉ. अर्चना वर्मा, डीन (परीक्षा) डॉ. प्रगति गर्ग, उप-निदेशक (प्रशासन) कर्नल अखिलेश सिंह, संकाय सदस्य, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। स्वस्थ नारी सशक्त परिवार पखवाड़े के दौरान 02 अक्टुबर तक नारी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भिन्न-भिन्न कार्यक्रम किए जाएंगे।
संस्थान 14 सितंबर से 29 सितंबर तक हिंदी पखवाडा भी मना रहा है। इसके उपलक्ष्य में आज कार्यालयीन हिंदी के प्रयोग पर एक कार्याशाला का आयोजन किया गया। प्रशासनिक अधिकारी श्री के. बी. वाई. सिंह जो संस्थान के राजभाषा अधिकारी भी है, उनके पर्यवेक्षण में कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी श्री दीपक सिंह यादव ने कार्यशाला का संचालन किया।