लखनऊ। मोहनलालगंज के रायभान खेडा गांव में 9 दिवसीय संगीतमय रामकथा आयोजित की गई आयोजन पद्मजा वेलफेयर ट्रस्ट के संचालक सीएमडी राजीव सिंह द्वारा न्यू जेल स्तिथ पद्मजा फेस 4 के तहत किया जा रहा है। जिसमे मध्यप्रदेश से पधारे कथावाचक कुलदीप जी महाराज ने कथा के तीसरे दिन अपने वचनों में कहा जो जीव श्री सीताराम जी के चरणों को छोड़कर अन्य किसी की तरफ ध्यान लगाता है तो उसको दुख ही दुख की अनुभूति होती है। प्रभु श्रीराम के प्रभाव और स्वभाव से हमें शिक्षा देनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि निर्गुण और सगुण परमात्मा के दो स्वरूप हैं। सगुण मन को जचता नहीं , निर्गुण तक मन पहुंचता नहीं। सगुण ध्यान रुचि सरस नहीं । निर्गुण मन ते दूर , राम जी से अधिक राम जी के नाम की महिमा है । आचार्य जी ने बताया “राम नाम कर अमित प्रभावा” संतजन कहते हैं पुराणों में वर्णन है । उपनिषद भी प्रकारांतर से भगवन नाम की महिमा का निरूपण करते हैं। तो यह राम है कौन ? जिनका भजन भगवान शंकर करते हैं । वही राम है या कोई और ? प्रभु सोई राम की ऊपर कोई जाहि जपत त्रिपुरारी । संत भविष्यदृष्टा होते हैं। सूरदास जी महाराज ने आज की स्थिति का वर्णन पहले ही कर दिया था” रे मन धीरज क्यों न धरे” भगवान की कथा हमें अवस्था का बोध कराती है। वहीं कथा में पद्मजा ग्रुप के सीएमडी राजीव सिंह, व पद्मजा ग्रुप के सभी सहकर्मी, व पूर्व प्रधान भावाखेड़ा चंदन सिंह, प्रमोद द्विवेदी , दुर्गेश सिंह व कई प्रधान गण मौजूद रहें।