
लकड़कट्टों के साथ-साथ जिम्मेदार भी हो रहे मालामाल,वसूल रहे मोटी रकम
क्षेत्र के प्रमुख चौराहों से दिन के उजाले में गुजरती देखी जा सकती हैं हरे प्रतिबंधित लकडियों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां
रायबरेली।जिले में वन विभाग से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारी तक इलाकों में हो रही अवैध कटान में लिप्त वन-माफियाओं के हिमायती बने हुए हैं।यही वजह है कि इन दिनों हरे और फलदार वृक्षों पर धड़ल्ले से आरा चलवाया जा रहा है।तहसील क्षेत्रों में तैनात रेंज अफसरों को भी अवैध कटान की जानकारी होती है,बावजूद वह मोटी रकम लेकर धृतराष्ट्र की भूमिका में नजर आते हैं।इन हालातों में धरा को हरा-भरा करने का सपना सिर्फ कागजों में पूरा होता रहता है।सूबे के बड़े अधिकारी हरे पेड़ों की कटान को लेकर गंभीर भले नजर आ रहे हैं,लेकिन सरेनी का पुलिस महकमा और वन विभाग हरे पेड़ों की कटान कराने में मशगूल रहता है।बीते दिनों क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर हरे पेड़ों पर खुलेआम आरा चलाया गया,लेकिन कुछ जगहों पर छोटा मोटा जुर्माना कर कागजी कोरम पूरा करते हुए पल्ला झाड़ लिया गया।विभागीय लापरवाही के कारण सरेनी में हरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटान करने के लिए ठेकेदारों को पूरी छूट है।उन्हें न तो परमिट बनवाने की जरूरत है और न ही किसी प्रकार की औपचारिकता पूरी करने की।दिन के उजाले में ही अवैध प्रतिबंधित पेड़ों की लकड़ियों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां व लोड़र क्षेत्र के प्रमुख चौराहों भोजपुर,सरेनी,बेनी माधवगंज,भूपगंज,रालपुर व गेगासो क्रासिंग में फर्राटा भरते हुए देखे जा सकते हैं।विभागीय सूत्रों की मानें तो अवैध कटान के मामले सामने आने पर ठेकेदारों पर मामूली जुर्माना लगा कर उन्हें बख्श दिया जाता है।इतना ही नहीं जब कभी अवैध कटान की बात सामने आती है,तो पहली गाज वन रक्षकों पर ही गिरती है,तो दूसरी ओर वन दरोगा के खिलाफ जांच करने की बात कही जाती है।जबकि ये पूरा खेल रेंजर की मिलीभगत से खेला जाता है।साथ ही साथ यह भी बताया कि जब अवैध कटान की सूचना पर साहब किसी ट्रैक्टर ट्रॉली या फिर लोड़र को मय लकड़ी समेत पकड़कर ऑफिस लाते हैं तो उनसे मनमानी रकम वसूलते हैं और उन्हें कोई रसीद भी नहीं देते हैं।अब क्या सच क्या झूंठ यह तो उच्चाधिकारियों की जांच का विषय है।फिलहाल सरेनी क्षेत्र में हो रही धड़ल्ले से अवैध कटान से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है।सरेनी क्षेत्र का गंगा कटरी इलाका वन माफियाओं के लिए मुफीद जगह साबित हो रही है।