निगोहां। लखनऊ , निगोहां के बैरी मगटइया गांव के किसानों का धैर्य उस समय जवाब दे गया जब खेतों में मेहनत से उगी हरी-भरी फसलें आवारा मवेशियों के चरने से बर्बाद होने लगीं। सोमवार को बैरी, मगटइया और चिरानीखेड़ा गांव के दर्जनों किसानों ने मिलकर खुले में घूम रहे मवेशियों को खदेड़ा और काफी मशक्कत के बाद रस्सियों से बांधकर पिकअप गाड़ी में भरकर नजदीकी गौआश्रय केंद्र तक पहुंचाया।किसानों का कहना है कि खुले में घूम रहे पशुओं से फसल बचाना मुश्किल हो गया है। किसान दिन-रात खेतों में चौकसी करते हैं, फिर भी मवेशी फसलों को नुकसान पहुंचा देते हैं। “किसी तरह हम अपनी जमीन पर फसल तैयार करते हैं, लेकिन इन आवारा मवेशियों से हरी-भरी फसलें बर्बाद हो जाती हैं। जब गौआश्रय केंद्र में मवेशियों को पकड़कर पहुंचाया जाता है तो कुछ दिनों बाद उन्हें फिर छोड़ दिया जाता है। नतीजा यह होता है कि फसलें बार-बार उजड़ जाती हैं और किसानों को मायूस होकर घर लौटना पड़ता है,” किसानों ने बताया।किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि गौआश्रय केंद्रों की व्यवस्था मजबूत की जाए और छोड़े गए मवेशियों की नियमित निगरानी हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो खेती करना मुश्किल हो जाएगा।
